एक सफल एचआर कर्मियों की बातों को प्रबंधन तक पहुंचाता है : अनुराधा राजदान

एक्सएलआरआइ की ओर से पीजीडीएम (एचआरएम) प्रोग्राम का पहला कन्वोकेशन

By Prabhat Khabar News Desk | April 17, 2024 12:53 AM

जमशेदपुर. किसी भी संस्थान में चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (सीएचआरओ) का रोल महत्वपूर्ण होता है. वह ना सिर्फ संस्थान के लिए अच्छे ह्यूमन रिसोर्स की भर्ती करते हैं बल्कि संस्थान प्रबंधन व कर्मी के बीच एक कड़ी के रूप में भी कार्य करते हैं. एक सफल एचआर के लिए कर्मचारियों के बीच अच्छा रिलेशनशिप बनाने के साथ ही उनकी बातों को प्रबंधन तक सकारात्मक तरीके से पहुंचाने की अहम जिम्मेवारी होती है. यह बातें हिंदुस्तान यूनिलीवर व यूनिलीवर साउथ एशिया की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एचआर सह सीएचआरओ अनुराधा राजदान ने कही. वह एक्सएलआरआइ जमशेदपुर की ओर से आयोजित पीजीडीएम (एचआरएम) प्रोग्राम के पहले कन्वोकेशन में बतौर मुख्य अतिथि सभी को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि एक्सएलआरआइ में जो कुछ भी उन्होंने सीखा है, उसका सकारात्मक इस्तेमाल व्यावहारिक जीवन में करें. इसके साथ ही कहा कि किसी भी संस्थान में सीएचआरओ के ऊपर कंपनी की सोच को आगे ले जाने की महत्ती जिम्मेवारी होती है. साथ ही कहा कि किसी भी कंपनी के लांग टर्म अचीवमेंट के लिए यह जरूरी है कि आप शॉर्ट टर्म गोल को हासिल करने के लिए अच्छी रणनीति बनाएं. अंत में पीजीडीएम एचआरएम प्रोग्राम के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ आरके प्रेमराजन ने धन्यवाद ज्ञापन किया. वरुण सेव्वा रेड्डी को मिला एक्सएलआरआइ मेडल एक्सएलआरआइ के पीजीडीएम (एचआरएम) प्रोग्राम के पहले कन्वोकेशन के दौरान एकेडमिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए वरुण सेव्वा रेड्डी को एक्सएलआरआइ मेडल से नवाजा गया. इस दौरान कुल 38 विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया. सीखने की ललक और प्रश्न पूछने की आदत हमेशा बनी रहनी चाहिए : डायरेक्टर एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इंसान को हमेशा प्रश्न करने व तार्किक दृष्टिकोण रखने वाला होना चाहिए. साथ ही कहा कि सवाल करने की भावना को जीवित रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किताबी ज्ञान को धरातल पर सही प्रकार से उतारने के लिए यह जरूरी है कि आपको व्यावहारिक ज्ञान की जानकारी हो. क्या है पीजीडीएम एचआरएम प्रोग्राम एक्सएलआरआइ की ओर से ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम की शुरुआत की गयी है. कोर्स की अवधि 18 माह की है. एआइसीटीइ से मान्यता प्राप्त इस कोर्स को करने के लिए न्यूनतम अर्हता है कि उम्मीदवार को कम से कम 10 वर्षों तक कार्यानुभव हो. इस कोर्स को ऑन कैंपस के साथ ही वर्चुअल मोड में भी आयोजित की जाती है.

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