गालूडीह. प्रचंड गर्मी से सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर भी काफी कम हो गया. कई जगह नदी नाले की तरह बह रही है. वहीं, पानी कम होने से जल प्रदूषित हो गया है. इससे नदी की मछलियां भी मरने लगी हैं. इससे नदी पर आश्रित सैकड़ों मछुआरा परिवार संकट में हैं. मालूम हो कि कुलियाना, निश्चिंतपुर, देवली, चिटाघुटू, काशीडीह, चंद्ररेखा, दिगड़ी, गाजूडीह, धोरासाई, अमाइनगर सहित कई गांव घाटशिला प्रखंड के हैं, जो नदी के तटवर्ती गांव हैं, जहां रहने वाले मछुआरा परिवार नदी से मछली पकड़ कर ही अपनी जीविका चलाते हैं. नदी का पानी प्रदूषित होने के कारणों में कई कल-कारखानों और कंपनियों का गंदा व जहरीले पानी भी जिम्मेदार है. मछुआरा परिवार के लोग कहते हैं कि डैम में जब पानी जमा रहता है और कभी-कभी छोड़ा जाता है, तो मछली से आमदनी ज्यादा होती है. तब जाल लगाकर अधिक संख्या में मछली पकड़ पाते हैं. अब नदी में पानी कम होने से डैम के सभी गेट भी खुले हैं. कई मछुआरा परिवार के लोग मछली पकड़ने का काम छोड़कर अब मजदूरी करने जाने लगे हैं.
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