संस्कृति बचेगी, तभी हम बचेंगे : मदन
गालूडीह के जोड़सा में लोक कलाकारों और रंग कर्मियों ने मनाया विश्व संस्कृति दिवस, लोक संस्कृति में मिट्टी की खुशबू है, इसे हर हाल में बचाना होगा
गालूडीह. घाटशिला प्रखंड के जोड़सा पंचायत भवन परिसर में शुक्रवार को विश्व संस्कृति दिवस पर झारखंड मानभूम लोक संस्कृति संघ के तत्वावधान में लोक कलाकारों का जुटान हुआ. मौके पर लोक कलाकारों की संगोष्ठी हुई. इसकी अध्यक्षता डीडी लोहार ने की. संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सह ग्रीन मैन मदन मोहन सोरेन उपस्थित थे. संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों के संस्कृति प्रेमी व लोक कलाकारों ने भाग लिया. मुख्य अतिथि ने कलाकारों को माला पहनाकर स्वागत किया. मदन मोहन सोरेन ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी व आधुनिक चकाचौंध में मनुष्य अपने प्राचीन परंपराओं व लोक संस्कृति को भूलता जा रहा है. लोक संस्कृति मिट्टी की खुशबू समेटी हुई है. इसे हमें हर हाल में बचाना होगा. हमारी संस्कृति बचेगी, तो हम बचेंगे अन्यथा मूल्य विहीन और आदर्श विहीन समाज हो जायेगा.
लोक कलाकारों की समस्याओं पर नीति बनना जरूरी
उन्होंने कहा कि लोक कलाकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर राजव्यापी नीति बनाने की जरूरत है. इसके लिए एक व्यापक संस्कृति प्रेमी व रंग कर्मियों का वृहद आंदोलन की जरूरत है. कार्यक्रम में उपस्थित कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत- संगीत और नृत्य का प्रदर्शन किया.
मौके पर गराम- धराम झुमुर आखड़ा के मनोरंजन महतो, दीपक गोप, कृष्ण कर्मकार, मनोहर गोप, हलधर महतो, तारक महतो, भूतनाथ सिंह, शेफाली गोप, रामकृष्ण महतो, नेता कर्मकार, उर्मिला गोप, दीपाली रजक, बांसती रजक, आरती महतो, नेबु रजक, निरंजन सिंह, विजय महतो, शिवनाथ गोराई आदि अनेक लोग कलाकार और रंग कर्मी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है