झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में 12 बच्चों समेत 23 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार, अस्पताल में चल रहा इलाज

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया में 23 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए हैं. इनमें 12 बच्चे शामिल हैं. इन सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल सभी स्वस्थ हैं.

By Guru Swarup Mishra | March 24, 2024 5:58 PM
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घाटशिला: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड की केंदुआ पंचायत के केंदुआ गांव के नीमडीह टोले में 23 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए. इनमें 12 बच्चे शामिल हैं. रविवार को इन्हें एंबुलेंस से डुमरिया सीएचसी लाया गया, जहां इनका इलाज चल रहा है. डॉक्टर की मानें, तो फिलहाल सभी स्वस्थ हैं. परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को बाहा बोंगा पर्व मनाया गया था. इसमें परंपरा के अनुसार मछली खाने का प्रावधान है. अधिकतर लोगों ने टमाटर के साथ सूखी छोटी मछली खायी थी. आशंका है कि यही फूड प्वाइजनिंग का मुख्य कारण होगा. बताया जा रहा है कि शनिवार की शाम को ही कुछ लोगों को उल्टी शुरू हो गयी थी. हालत खराब होने के बाद इन्हें अस्पताल लाया गया.

अस्पताल में चल रहा इलाज
सीएचसी के चिकित्सक डॉ विनय तिवारी ने कहा कि नीमडीह के 23 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए. इन्हें सीएचसी लाया गया. हमें सूचना मिलने पर तीन एंबुलेंस भेजकर सभी को सीएचसी लाया गया. इनमें 12 बच्चे शामिल हैं. अभी सभी ठीक हैं. इनका इलाज चल रहा है. इन्हें अभी सीएचसी में ही रखा जाएगा. फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों में 12 बच्चे हैं. इनकी उम्र 1 से 9 साल तक है. पूजा के दौरान इन्होंने कुछ खाया था. इससे फूड प्वाइजनिंग हुई है. गांव वालों को लग रहा था कि देवता नाराज हो गए. इसलिए वे झाड़-फूंक कर रहे थे. रविवार को जब दो लोग बेहोश हो गए. तब इसकी जानकारी उन्हें दी गयी. शनिवार को ही ये सूचना मिल जाती तो बात इतनी नहीं बिगड़ती. सीएचसी के चिकित्सक डॉ विनय भूषण तिवारी, डॉ सुषमा हांसदा, सहयोगी सोनिया मुर्मू, अनुप नन्द,अंचला कुमारी, बरुण बेरा, तरुण महाकुड़, सुकराम माहली के सहयोग से सभी का इलाज कर रहे हैं. सभी को डुमरिया सीएचसी में ही चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है.

देवी प्रकोप मान करवा रहे थे झाड़-फूंक
बताया जा रहा है कि पहले उन्हें लग रहा था कि देवी के प्रकोप से यह सब हो रहा है. इसलिए शनिवार को झाड़-फूंक करवाया गया. रविवार की सुबह जब दो बच्चे बेहोश हो गए, तब चिकित्सक को सूचित किया गया. आनन-फानन में डुमरिया सीएचसी को इसकी सूचना दी गयी. सीएचसी से तीन एंबुलेंस भेजी गयी. तब अधिकतर लोग पेड़ के नीचे थे. सभी को एंबुलेंस से डुमरिया सीएचसी लाया गया. अधिकतर डायरिया से पीड़ित थे. दो मलेरिया के मरीज भी पाये गये. मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण सीएचसी में बेड कम पड़ गये. एक-एक बेड में तीन-तीन मरीजों को सुलाना पड़ा. पहले से इलाजरत मरीज को वहां से दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गया.

ये हैं 23 मरीजों के नाम

  1. दुर्गी तापे- 6 वर्ष, 2. श्रीराम देवगम -6 वर्ष, 3. ललित देवगम-11 वर्ष, 4. पोलो देवगम-20 वर्ष, 5. माकी तापे-4 वर्ष, 6. गुने तापे-11 वर्ष, 7. सोमवारी देवगम- 2 वर्ष, 8. केदार देवगम- 4 वर्ष, 9. कान्हूराम तापे- 11 वर्ष, 10. लक्ष्मी तापे- 8 वर्ष, 11. ननिका टेप- 8 वर्ष, 12. बोडो टेप- 9 वर्ष, 13. दुम्बी तापे -8 वर्ष, 14. गुरुवार तापे- 5 वर्ष, 15. जंगा तापे- 1 वर्ष, 16. मन्जरी तापे-9 वर्ष, 17. विरजू तापे- 30 वर्ष, 18. नंदी तापे- 26 वर्ष, 19. श्रीराम देवगम- 61 वर्ष, 20. गोपाल तापे -15 वर्ष, 21. कन्हुराम तापे – 25 वर्ष, 22. जोगा पूर्ति- 25 वर्ष, 23. तुलसी बांडरा- 45 वर्ष
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