East Singbhum News : दारीसाई में चौथा नवकुंज 12 मार्च से, तीन राज्यों के लोग जुटेंगे

नवकुंज मंदिर में हुई बैठक, 500 से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य, 22 समितियां गठित

By Prabhat Khabar News Desk | January 20, 2025 12:16 AM

गालूडीह. गालूडीह से सटे दारीसाई राधा रानी मिलन कुंज में चौथा नवकुंज 12 मार्च से शुरू होगा. इसमें झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों का महाजुटान होगा. इस दौरान मंदिर में नौ दिनों तक लगातार हरिनाम संकीर्तन होगा. इसमें 50 से अधिक संकीर्तन दल के सदस्य शामिल होंगे. गालूडीह रंकिणी मंदिर के मुख्य पुजारी सह दारीसाई नवकुंज मंदिर के संस्थापक विनय दास बाबाजी के 109 साल पूरे होने पर इस बार 12 मार्च से चौथा नवकुंज शुरू करने का निर्णय लिया गया है.

इसे लेकर रविवार को नवकुंज मंदिर में श्रृष्टिधर महतो और बासंती प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें काफी संख्या में सदस्य शामिल हुए. बैठक में नवकुंज को सफल बनाने के लिए 500 से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. सदस्यों को जोड़ने की प्रक्रिया आज से शुरू कर दी गयी है. बैठक में 22 समितियां गठित की गयीं. इसमें प्रशासनिक समिति, स्वच्छता सेवा समिति, संचार समिति, स्वास्थ्य परिसेवा समिति, मंदिर पूजा समिति, भंडार परिचालन समिति, जल स्वच्छता समिति, विद्युत सज्जा पंडाल समिति, स्वागत समिति, परिवहन, संचार समिति आदि समितियां गठित की गयीं. बैठक में सदस्यों ने बताया कि नौ दिनों तक लगातार हरिनाम संकीर्तन होगा. नौ दिनों से पूरे इलाके में मांस-मछली, अंडा का सेवन लोग नहीं करेंगे. स्वच्छता और शुद्धता पर जोर दिया जायेगा. बताया गया कि पहला नवकुंज 1969 में हुआ था. तब 84 कीर्तन मंडलियों ने भाग लिया था. दूसरा नवकुंज 2012 में हुआ था तब 50-60 कीर्तन मंडलियों ने भाग लिया था. तीसरा नवकुंज 2020 में हुआ था तब भी 50 से अधिक कीर्तन मंडलियों ने भाग लिया था. चौथा 12 मार्च से शुरू होगा. इसमें 50 से अधिक कीर्तन मंडलियों भाग लेंगी.

1969 में दारीसाई में हुआ था पहला नवकुंज

सदस्यों ने बताया कि 1969 में पूरे कोल्हान में दारीसाई में पहला नवकुंज हुआ था. बाबाजी ने नवकुंज कराया था. तब से अब तक नवकुंज यहां होता आया है. इस बार चौथी बार होगा. बाद के दिनों में चांडिल और पोटका में नवकुंज हुआ है. यह बहुत बड़ा आयोजन है. इसमें तीन राज्यों के लोग जुटते हैं. बैठक में पुजारी सुखदेव दास, मुखिया हरिपद सिंह, पंसस रतन महतो, बासंती प्रसाद सिंह, श्रृष्टिधर महतो, निर्मल चंद्र सिंह, बबलू महतो, राजाराम महतो, सुबोध गोराई, अशोक कुमार नायक, सनातन सीट, दिनु महतो, श्यामा पद महतो, मथुर सिंह, तपन चंद, भास्कर पात्र, योगेंद्र महतो, बादल महतो, सहदेव महतो, रामू महतो, सोमनाथ महतो, शशधर महतो, हलधर दास, प्रभा दास, गौर चंद्र सिंह, पितपास महतो, चैतन्य गोराई, अश्विनी महतो आदि शामिल हुए.

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