बरसोल : जीभ में कील घोंपकर व अंगारों पर नंगे पांव चले भोक्ता
पारुलिया और जयपुरा गांव में गाजन उत्सव का समापन
बरसोल. बहरागोड़ा प्रखंड के पारुलिया व जयपुरा गांव में गाजन उत्सव धूमधाम से मनाया गया. दोनों गांव में पांच दिवसीय गाजन पर्व का बुधवार को समापन हो गया. दोपहर में भोक्ताओं ने गांव के माझना तालाब में स्नान किया. पुजारी शिव नारायण महापात्र ने पूजा करायी. मंदिर प्रांगण तक पश्चिम बंगाल से बैंड बाजा मंगाकर धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गयी. कई भोक्ताओं ने जीभ में कील घोंप कर, कमर में रड घुसाकर और अंगारों में नंगे पांव चल कर भगवान शिव के प्रति आस्था दिखायी. शोभायात्रा में भोक्ताओं ने 1-2 साल के बच्चे को गोद में लेकर नृत्य किया. ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से बच्चों का मंगल होता है. कमेटी के मुताबिक, शिवमंदिर 300 साल पुराना है. यहां आस-पास के ग्रामीण पूजा करने आते हैं. मौके पर मेला का आयोजन हुआ. मेले का आनंद लेने के लिए आसपास के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी. युवाओं ने भोक्ताओं को ठंडा पानी पिलाया. मौके पर कई महिलाओं ने शंख व घंटी बजाकर भोक्ताओं को उत्साहित किया. शाम को मंदिर प्रांगण में स्थानीय कीर्तन मंडलियों ने हरिनाम प्रस्तुत किया गाया. रात को लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया. देर रात को गोरिया भार शोभायात्रा निकाल कर कोनार पुल होत हुए गाजेबाजे के साथ मंदिर तक लाया गया. गोरियाभार का शुद्ध पानी सभी भक्तों को और ग्रामीणों को पिलाया गया. कमेटी के मुताबिक इससे सबका शांति मंगल होता है. देर रात को ओडिशा के छऊ नृत्य का आयोजन किया गया. दोनों गांव की गाजन कमेटी के सदस्यों ने उत्सव को सफल बनाने के लिए जुटे रहे.
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