East Singhbhum : महुलिया लैंपस के दोनों गोदाम भरे, धान खरीद बंद होने से किसान हलकान

चावल मिल नहीं कर रहा लैंपस से धान उठाव, समस्या गहरायी, महुलिया लैंपस में 25 किसानों से 1520 क्विंटल धान खरीदा गया

By Prabhat Khabar News Desk | December 29, 2024 12:09 AM

गालूडीह. गालूडीह के महुलिया लैंपस के दो गोदाम धान से भर गये हैं. अब धान रखने की जगह नहीं है. ऐसे में किसानों से धान खरीदना बंद कर दिया गया है. मकर पर्व नजदीक है. धान बिक्री बंद होने से किसान परेशान हैं. किसानों ने कहा कि बाध्य होकर खुले बाजार में कम दाम पर धान बेचना होगा. 15 दिसंबर को लैंपस में धान क्रय केंद्र का उद्घाटन हुआ. 16 दिसंबर से धान खरीद शुरू हुई. राइस मिल के मालिक धान नहीं ले जा रहे हैं. इससे गोदाम भरा हुआ है.

लैंपस में 600 किसान पंजीकृत, अबतक 25 ने बेचा धान

लैंपस कर्मियों ने बताया कि अबतक 25 किसानों से 1520 क्विंटल धान की खरीद हुई है. अब गोदाम में धान रखने की जगह नहीं है. राइस मिल में धान भेजने के बाद गोदाम खाली होगा. जानकारी हो कि महुलिया लैंपस के अधीन महुलिया, हेंदलजुड़ी, जोड़सा, बाघुड़िया, उलदा, बड़ाकुर्शी, बनकांटी पंचायत के किसान आते हैं. यहां करीब 600 किसान पंजीकृत हैं.

लैंपस से निराश होकर लौट रहे किसान

धान की खरीद बंद होने से किसान लैंपस से लौट रहे हैं. कई किसान खुले बाजार में धान बेचने लगे हैं. किसान लैंपस आकर निराश होकर लौट रहे हैं. किसानों ने बताया कि कुछ दिनों बाद मकर पर्व है. कई किसान धान बेचकर मकर पर्व के लिए राशन सामग्री और कपड़े खरीदते हैं. किसानों ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द धान का उठाव करे और जल्द भुगतान करे, ताकि राशि का समय पर उपयोग कर सकें.

…जल्द पहल नहीं हुई, तो खुले में धान बेचने को होंगे विवश

किसान काला सरकार, देवरंजन महतो, ज्योतिष चंद्र गोराई, तापस महतो, तुलसी महतो, जयंत सरकार, श्यामा पद गोराई, निरंजन मंडल, प्रभात बोस, चितरंजन महतो, मोहन सरकार, बापी महतो ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि टुसू पर्व के पहले तक खरीदी कर पैसों का भुगतान नहीं किया गया तो किसान खुले बाजार में धान बेचने को बाध्य होंगे.

विभागीय प्रक्रिया में देरी से परेशानी बढ़ी

महुलिया लैंपस धालभूमगढ़ के गणेश राइस मिल से टैग है. नियम के अनुसार, मिल से सरकार को चावल जाता है. उसके बाद मिल लैंपस से धान उठाव करता है. यही कारण है कि विभागीय प्रक्रिया में समय लगने से लैंपस से धान उठाव में देरी हो रही है. मालूम हो कि सरकार ने इस वर्ष जिले में 2 लाख क्विंटल धान खरीदारी का लक्ष्य रखा है. झारखंड सरकार ने धान का समर्थन मूल्य बोनस समेत 2400 रुपये निर्धारित किया है.

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