घाटशिला अनुमंडल अस्पताल की एक्स-रे मशीन खराब, तीन दिनों से बिना इलाज बेड पर पड़ा है किडनी का मरीज
सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, गरीब मरीज हो रहे बेहाल, मरीज के पास पैसे नहीं, वाहन का किराया तक नहीं कि घर जा सके
अजय पाण्डेय, घाटशिला
घाटशिला अनुमंडल अस्पताल की व्यवस्था बदहाल है. गरीब मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. अस्पताल की एक्स-रे मशीन कई दिनों से खराब पड़ी है. मरीजों को बाहर से एक्स-रे करानी पड़ रही है. गुरुवार को चिकित्सीय परामर्श के बाद कई मरीज एक्स-रे कराने के लिए अस्पताल पहुंचे. मशीन खराब होने से उन्हें वापस लौट जाना पड़ा. सबसे बड़ी समस्या किडनी पीड़ित मरीजों को हो रही है. घाटशिला के उलदा निवासी 60 वर्षीय विजय माहली को चिकित्सक ने एक्स-रे कराने की सलाह दी. इसके बाद उनका इलाज संभव है. विजय माहली बांस से बनी टोकरी, सूप समेत अन्य चीजें बनाता है. विजय मानकी 23 अप्रैल से अनुमंडल अस्पताल में भर्ती है.डॉक्टर ने कहा- बाहर से एक्स-रे कराएं या दूसरी जगह ले जायें
मरीज के अटेंडर ने बताया कि अस्पताल के चिकित्सक का कहना है कि वह बाहर से एक्स-रे करा कर लाये, अन्यथा उसे अनुमंडल अस्पताल से दूसरी जगह पर इलाज के लिए ले जायें. गरीबी के कारण विजय माहली तीन दिनों से अस्पताल के बेड पर पड़ा है. पैसे नहीं होने के कारण वह बाहर से एक्स-रे नहीं करा पा रहा है. उसे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं मिल रही है. उसके पास उलदा जाने के लिए टेंपो का भाड़ा नहीं है. ऐसी स्थिति में वह एक्स-रे के अभाव में अस्पताल के बेड पर पड़ा है. उसकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है.मरीजों में आक्रोश बढ़ा
अस्पताल में जहां एक्स-रे होता है. वहां पर आलमीरा पर एक्स-रे मशीन खराब से संबंधित सूचना चिपका दी गयी है. मरीजों का आरोप है कि उन्हें बाहर से एक्स-रे समेत अन्य चीजें करानी होगी, तो वह अनुमंडल अस्पताल में इलाज कराने के लिए क्यों आयें. सभी चीजें बाहर से ही करा लेंगे.…कोट…
एक्स-रे मशीन दो दिनों से खराब पड़ी है. स्टैंड बाई में दूसरी मशीन अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. मशीनरी पर किसी का वश नहीं है. इतने दिनों से मशीन ठीक काम कर रही थी. उल्दा का विजय माहली 23 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती है. उसे किडनी की बीमारी है. चिकित्सक ने एक्स-रे लिखी है. मशीन खराब है, तो गरीब और अमीर की बात नहीं है. यह आरोप लगाना गलत है. मशीन ठीक होती, तो अभी तक विजय माहली का इलाज संभव होता. – डॉ आरएन सोरेन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडल अस्पताल, घाटशिला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है