बहरागोड़ा कॉलेज : सर! पीजी इंग्लिश के पढ़ाई शुरू कराएं, वरना हम उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे
स्नातक अंग्रेजी (ऑनर्स) के विद्यार्थियों ने प्राचार्य से लगायी गुहार, गरीब परिवार के विद्यार्थी बाहर जाकर पढ़ाई करने में सक्षम नहीं
बहरागोड़ा. बहरागोड़ा कॉलेज के स्नातक अंग्रेजी ऑनर्स के सेमेस्टर- 6 के विद्यार्थियों ने बुधवार को प्रभारी प्राचार्य डॉ बालकृष्ण बेहरा से मुलाकात की. कॉलेज में अंग्रेजी में पीजी की पढ़ाई प्रारंभ करने का आग्रह किया. विद्यार्थियों ने कहा कि हम कुछ महीने बाद स्नातक कर जाएंगे. हम सभी गरीब परिवार से हैं. बाहर के कॉलेज में जाकर पीजी की पढ़ाई करना संभव नहीं है. बहरागोड़ा कॉलेज में अंग्रेजी में पीजी की पढ़ाई नहीं होने से उच्च शिक्षा से वंचित रह जायेंगे. विद्यालय में लगभग 100 से अधिक विद्यार्थी इंग्लिश विषय में पीजी की पढ़ाई करना चाहते हैं. कई और युवक अंग्रेजी से पीजी करना चाहते हैं. आज भी कई विद्यार्थी महाविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
आठ विषय में होती है पीजी की पढ़ाई
बहरागोड़ा कॉलेज में फिलहाल 8 विषयों में पीजी की पढ़ाई होती है. अंग्रेजी एक महत्वपूर्ण विषय है. इस विषय में प्रत्येक वर्ष 60 से अधिक विद्यार्थी स्नातक उत्तीर्ण होते हैं. महाविद्यालय में अंग्रेजी विषय में पीजी की पढ़ाई नहीं होने के कारण कई बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जा रहे हैं.
50 से 70 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी : विद्यार्थी
विद्यार्थी आइसा खातून, गायत्री घोष, शिल्पा माइती, मधुमिता बेरा, यमुना मुंडा आदि ने कहा कि बहरागोड़ा से नॉर्थ ओडिशा विवि की दूरी 50 किमी, विद्यासागर विवि 70 किमी की दूरी व घाटशिला कॉलेज 50 किमी दूर है. बहरागोड़ा से तीन राज्यों की सीमा मिलती है. स्वाभाविक तौर पर सीमांचल बंगाल हो या ओडिशा के विद्यार्थी बहरागोड़ा में अध्यनरत हैं. समुचित संसाधन व शिक्षा के होते हुए भी अंग्रेजी में पीजी की पढ़ाई नहीं होने से अधिकतर बच्चे उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जा रहे हैं.
कॉलेज में छात्राओं की संख्या अधिक
बहरागोड़ा कॉलेज में छात्र:छात्राओं का अनुपात 35: 65 है. बहरागोड़ा कॉलेज में पीजी (अंग्रेजी) की पढ़ाई की अनुमति मिलने पर विशेष कर सुदूरवर्ती गांव की छात्राओं को पढ़ाई में सहूलियत होगी. चाईबासा में रहकर पढ़ाई का खर्च वहन करना संभव नहीं है.
विद्यार्थियों की समस्या देख पहल होगी : प्राचार्य
प्रभारी प्राचार्य डॉ बेहरा ने कहा कि अगस्त, 2023 को कुलसचिव को पत्र लिखकर आग्रह किया था. विशेष कर छात्राओं व तीनों राज्यों के सीमांचल को ध्यान में रखते हुए अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की अनुमति दी जाये. विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए इस दिशा में पहल की जायेगी.
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