East Singhbhum News : हाथियों के झुंड ने भाटिन गांव में धान की फैसल को रौंद किया बर्बाद

ओडिशा से भटक का जादूगोड़ा के जंगलों में पहुंचे हैं गजराज

By Prabhat Khabar News Desk | December 8, 2024 11:42 PM

जादूगोड़ा.खेतों में लगी धान की फसल की महक से जंगलों में छिपे हाथी अब गांव की ओर रुख कर रहे हैं. बीती रात तीन हाथियों का झुंड, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है, जादूगोड़ा के भाटिन गांव के झापार टोला में उतरा, जिसने संतोष सरदार की कई एकड़ में लगी फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया. हाथियों ने इससे पूर्व रंकिणी मंदिर से सटे धिरोल पंचायत के नूतन डीह गांव में भी उत्पात मचाया व गांव के रामेश्वर सरदार, भैरव सरदार, मनोज सरदार, कार्तिक सरदार, मंगल सरदार, आशीष सरदार के खेतों में घुस कर धान की फसल को रौंद डाला. वहीं, हाथियों के झापारकोचा जंगल में पहुंचने के बाद से ग्रामीण खेतों में लगी अपनी धान की फसल को बचाने के लिए रातभर पुआल जलाकर रतजगा कर रहे हैं.

ग्रामीणों में पटाखों का वितरण

जानकारी के अनुसार, हाथियों का झुंड के ओडिशा से भटक कर जादूगोड़ा के भाटिन गांव से सटे जंगलों में पहुंचने की खबर पाकर जादूगोड़ा वन विभाग के वन रक्षक अरुण कुमार भी सक्रिय हो गये हैं. उन्होंने पीड़ित भाटिन झापार कोचा निवासी संतोष सरदार से मुलाकात की व ग्रामीणों में पटाखों का वितरण भी किया. इस बाबत वन रक्षक अरुण कुमार ने बताया कि ये हाथियों को वापस भेजने की तैयारी चल रही है.

हाथी जंगल में दो दिनों से डाले डेरा : ग्रामीण

इस बाबत पीड़ित संतोष सरदार ने बताया कि जंगली हाथी बीते दो दिनों से गांव से सटे जंगल में डेरा डाले हुए हैं. शाम होते ही ये हाथी गांव के खेतों में उतर आते हैं व फसल को खाने के साथ ही पैरों से रौंदने लगते हैं, जिससे उनकी खड़ी फसल बर्बाद हो रही है. ये हाथी गांव के तालाब में भी खूब मस्ती भी कर रहे हैं व सुबह होते-होते वापस वनों में लौट जाते हैं. बताया जा रहा है कि कुछ माह पूर्व ही इन हाथियों को वन विभाग की मदद से हरिणा के रास्ते ओडिशा की ओर भेज दिया गया था. वहीं, हाथी एक बार फिर मानपुर होते हुए नूतनडीह (बांगो गांव) होते हुए जादूगोड़ा के जंगल में पहुंच कर भाटिन गांव के जंगलों में डेरा जमाये हुए हैं. वन विभाग की सबसे बड़ी चुनौती इन हाथियों को वापस ओडिशा भेजने की है, जिसमें वन अधिकारी जुटे हुए हैं. विभाग के अधिकारी हाथियों की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं, ताकि किसी तरह का मानव नुकसान बचाया जा सके.

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