डुमरिया. डुमरिया प्रखंड मुख्यालय से मात्र दो किमी दूर भालुकपातड़ा गांव के जामझुड़की टोला की विधवा शुरुवाली सरदार बेघर होकर पड़ोस के जर्जर आवास में अपने दो बेटों राकेश सरदार (17) व मुकेश सरदार (12) के साथ दिन गुजार रही है. शुरुवाली सरदार जिस जर्जर आवास में रह रही है उसमें न तो दरवाजा है न खिड़की. मकान की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं. कभी ढह सकता है. शुरुवाली सरदार के पति के नाम अपनी जमीन भी है. उसमें उसका घर था, पर मरम्मत नहीं करा पाने के कारण चार साल पहले टूट गया. शुरुवाली सरदार के पति फूलचांद सरदार की मौत लगभग 10 साल पहले बीमारी से हो गयी थी. फूलचांद सरदार ट्रैक्टर पर मजदूरी करता था.
नहीं मिला राशन, पेंशन व आवास का लाभ
शुरुवाली सरदार का आज तक राशन कार्ड नहीं बना. राशन कार्ड होता तो हर माह चावल मिल जाता. पति के गुजरे 10 साल बीत गये, पर आज तक शुरुवाली को विधवा पेंशन नहीं मिली और न ही आवास का लाभ मिला. इस बार अबुआ आवास के लाभ से भी वंचित रह गयी.
–कोट–
शुरुवाली सरदार का नाम अबुआ आवास की सूची में है. अगली बार अबुआ आवास मुहैया करा दिया जायेगा. पेंशन क्यों नही मिली, इसे देखना होगा. राशन क्यों नहीं मिलता इसकी जानकारी नहीं हैं, उसका विभाग अलग है.
-माणिक राम सोलंकी, पंचायत सचिव, कुमड़ाशोल.——————————-जामझुड़की गांव की शुरुवाली सरदार का नाम अबुआ आवास की दूसरी सूची में है. दूसरे राउंड में उसे आवास मिल जायेगा, फिर भी हम सूची ठीक से देख लेंगे.
– सजल खां, प्रखंड समन्वयक, डुमरियाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है