गालूडीह. दारीसाई के कृषि वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट जारी कर कहा कि बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात फेंगल से झारखंड में ज्यादा बारिश हुई तो पक चुके धान को भारी नुकसान होगा. इतना ही नहीं सब्जी को भी नुकसान पहुंचेगा. मौसम खुलने पर फसलों में कीड़ों और रोग का प्रकोप बढ़ेगा. दारीसाई क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक डॉ एन सलाम ने कहा कि अभी धान कटनी का समय है. सबसे ज्यादा धान फसल को नुकसान होगा. धान की बाली गीली हो जायेगी. यदि कटे हुए धान की बाली भींग जाती है, तो वो फूल जायेगी. इससे अंकुरित होने की संभावना है. धान खाने लायक रहेगा, लेकिन बीज के लायक नहीं रहेगा. किसानों को बीज दुकान से खरीदना पड़ेगा. मध्यम बारिश रबी फसल के लिए फायदेमंद होगा. बैगन, टमाटर आदि सब्जियों में कीड़े और रोग लगने की संभावना है. यह बारिश अरहर फसल को भी नुकसान करेगा. उसमें कीड़े लगेंगे. छोटे-बड़े फलदार पौधों के लिए फायदेमंद है. सरसों फसल और तोरिया फसल फसल पर लाही का प्रकोप की संभावना है.
किसानों की मुसीबत बढ़ी, खेत से समेटने लगे हैं धान
शनिवार सुबह से घाटशिला प्रखंड में मौसम बेइमान हो गया. बूंदाबांदी बारिश से किसानों की मुसीबत बढ़ गयी. घाटशिला-गालूडीह क्षेत्र में धान की फसल पककर तैयार है. अधिकांश जगहों पर कटाई भी शुरू हो चुकी है. अधिकांश खेतों में कटे हुए धान के पौधे पड़े हैं. ऐसी स्थिति में एकाएक मौसम बिगड़ने से क्षेत्र के किसान काफी चिंतित हैं. हल्की बारिश में कटे धान की फसल भींग गयी है. किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं बूंदाबांदी की फुहार तेज हुई तो उनकी तीन-चार माह की मेहनत पर पानी फिर जायेगा. किसान अतनु महतो, अमियो महतो, शंकर महतो, विष्णु महतो ने बताया कि खेत में कटी हुई फसल को किसी तरह बारिश से बचाने का प्रयास कर रहे हैं. इस बारिश से किसानों को निश्चित तौर पर नुकसान ही होगा. थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बार अनेक किसान मशीन से फसल कटवा रहे हैं. इससे उनकी फसल एक ही दिन में कटकर घर पहुंच जा रही है. लेकिन जिन किसानों की फसल हाथ से काटने के बाद खेतों में पड़ी है, उन्हें काफी क्षति होगी. मौसम बिगड़ने से आज सुबह गालूडीह में घना कोहरा छाया रहा. बूंदाबांदी बारिश दिन भर रूक-रूक कर होती रही. इससे ठंड बढ़ गयी है.
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