East Singhbhum : अधिकार चाहते हैं, तो कर्तव्य भी ईमानदारी से निभायें : प्रो इंदल पासवान
जेकेएम व यामिनी कांत बीएड कॉलेज में संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन
गालूडीह. सालबनी स्थित जेकेएम कॉलेज तथा यामिनीकांत बीएड कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में संविधान दिवस पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन शनिवार को किया गया. संगोष्ठी का शुभारंभ बाबा भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देकर किया गया. संगोष्ठी के मुख्य अतिथि सह वक्ता प्रो इंदल पासवान ने संविधान की पृष्ठभूमि तथा गूढ़ रहस्यों पर चर्चा करते हुए संविधान की विशेषता पर प्रकाश डाला. कहा कि सर्वोच्च न्यायालय हमारे संविधान का सबसे बड़ा संरक्षक हैं. समय की जरूरत के अनुसार इसमें संशोधन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यदि हम अपने मौलिक अधिकार को संरक्षित रखना चाहते हैं, तो मौलिक कर्तव्य निभाना होगा. डॉ आर श्रीकांत नायर ने संगोष्ठी का विषय प्रवेश सह स्वागत संबोधन किया. निदेशक डॉ सुमंत सेन ने भी संविधान के मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य के विषय में जानकारी प्रदान की. डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह, डॉ पूनम कुमारी, डॉ मौसमी महतो ने भी संविधान से संबंधित विशेष जानकारी दी.
प्रथम और द्वितीय तकनीकी सत्र में विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किये पेपर
संगोष्ठी में प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ पूनम कुमारी कर्ण, सहायक व्याख्याता सुशांति कुमारी, प्रशिक्षु बबीता महतो, मनीषा महतो, मोनिका महतो ने पेपर प्रस्तुत किया. शीर्षक था- संविधान के मुख्य तत्व, मौलिक अधिकार तथा बाबा भीमराव आंबेडकर की जीवनी. प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ बसंत पंडित ने की. द्वितीय सत्र में सहायक व्याख्याता गीताश्री कालिंदी ने अध्यक्ष की भूमिका निभायी.इस सत्र में प्रियतमा पातर, रेखा सिंह, रिया मुर्मू तथा विश्वनाथ सोरेन ने पेपर प्रस्तुत किया. इस अवसर पर प्रो इंदल पासवान, डॉ सुमंत सेन, डॉ आर श्रीकांत नायर, डॉ शैलेन्द्र सिंह, डॉ पूनम कुमारी, डॉ आशा वर्मा, डॉ पूनम कुमारी कर्ण, डॉ मौसमी महतो, डॉ बसंत पंडित, सुशांति कुमारी, तारा महतो, श्यामली दत्ता, डॉ नंदन दास, प्रीति कुमारी, प्रमित सीट, गीताश्री कालिंदी, विवेक कुइला तथा सभी प्रशिक्षु उपस्थित थे. मंच संचालन रिया घोषाल तथा रंजीता महतो तथा धन्यवाद ज्ञापन सुमोना डे ने किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है