घाटशिला : सीमावर्ती क्षेत्र काड़ाडुबा से पुलिस पिकेट हटते ही बढ़े अवैध धंधे
बंगाल से अवैध शराब व नशीले पदार्थों का कारोबार तेजी से बढ़ा, क्षेत्र की करीब 30 हजार आबादी खुद को असुरक्षित महसूस कर रही
घाटशिला. झारखंड और बंगाल सीमावर्ती क्षेत्र से सटे काड़ाडुबा और गंधनिया के आसपास में लगभग 16 साल तक पुलिस पिकेट रहा. सीआरपीएफ और सैप के जवान तैनात रहने से अवैध कारोबार और क्राइम पर कंट्रोल रहा. सितंबर, 2023 से काड़ाडुबा पिकेट खाली हो गया. यहां अब जवानों की तैनाती नहीं है. पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र घाटशिला प्रखंड की आसना, काड़ाडूबा, बांकी ,भदुआ पंचायत की सीमा है. चार पंचायतों की 30 हजार आबादी पुलिस पिकेट हटाने से असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. घाटशिला थाना से काड़ाडूबा की दूरी लगभग 16 से 17 किलोमीटर है. आसपास के ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 25 मई को झारखंड और बंगाल सीमा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव है. इसे देखते हुए पुलिस विकेट पर जवान को तैनाती करनी चाहिए. पिकेट हटने से पश्चिम बंगाल से अवैध शराब समेत अन्य नशीले पदार्थों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. मुख्य सड़क जामबाद और कानीमहुली सीमावर्ती क्षेत्र में है. काड़ाडूबा और बड़डीह चौक के रास्ते से धालभूमगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र में पश्चिम बंगाल से अवैध कारोबार धड़ल्ले से पनप रहा है. क्षेत्रों में सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था नहीं है. कभी कभार क्षेत्रों में घाटशिला पुलिस में भ्रमण करती है.
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