काशीडीह, भालुबासा व बिरसानगर से निकला विसर्जन जुलूस
आतिशबाजी, झांकियां व विद्युत सज्जा रहे आकर्षण का केंद्र
जमशेदपुर.
2017 के सात साल बाद 2024 में जमशेदपुर में श्रीरामनवमी विसर्जन जुलूस दो दिन लगातार निकला. शुक्रवार को शहर की प्रमुख तीन कमेटियां ठाकुर प्यारा सिंह-धुरंधर सिंह रामनवमी अखाड़ा समिति काशीडीह, भालुबासा जंबाे अखाड़ा समिति और बिरसानगर जोन नंबर तीन स्थित श्रीराम भक्त राजन अखाड़ा समिति ने श्रीरामनवमी विसर्जन शोभायात्रा निकाली. उक्त तीनों कमेटियां वर्षों से गुरुवार को विसर्जन संबंधी धार्मिक कार्य नहीं करती हैं. प्रशासन को पहले ही इसकी जानकारी प्रदान कर दी गयी थी कि वे गुरुवार की बजाय शुक्रवार को विसर्जन शोभायात्रा निकालेंगे. शुक्रवार का दिन होने के कारण जिला प्रशासन ने साकची के मुख्य चौराहे से लेकर घाट तक गुरुवार की तरह की बैरिकेडिंग करते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये थे. तीनों कमेटियों का विसर्जन जुलूस गांधी घाट सुवर्णरेखा नदी तट पर पहुंच कर संपन्न हुआ. जुलूस को देखने के लिए काफी संख्या लोग सड़क मार्ग पर जमा रहे. पुलिस के जवान भालुबासा-काशीडीह-साकची बाजार, गाेलचक्कर, पुराना काेर्ट से सुवर्णरेखा नदी घाट तक तैनात रहे. जिला प्रशासन ने अखाड़ा समितियाें से भी आग्रह किया था कि वे विसर्जन में अपनी पूरी जिम्मेदारी का निर्वाहन करें. समितियाें ने विसर्जन जुलूस में अपने अतिरिक्त स्वयं सेवकाें काे विधि-व्यवस्था और यातायात व्यवस्था बनाये रखने के लिए तैनात करने का फैसला था.ठाकुर प्यारा सिंह-धुरंधर सिंह रामनवमी अखाड़ा समिति, भालुबासा जंबाे अखाड़ा समिति के विसर्जन जुलूस को करीब डेढ़ किलोमीटर का फासला तय करने में चार घंटे से ज्यादा समय लगा. जुलूस के साकची शहीद चौक पहुंचते ही सड़क जाम हो गयी. करीब दो घंटे तक लगे जाम में 300 से ज्यादा दोपहिया-चार पहिया वाहन फंसे रहे. इसके पहले शुक्रवार की शाम करीब साढ़े सात बजे भालूबासा से और सात बजे काशीडीह से जुलूस निकला. दोनों अखाड़ों के जुलूस मान सरोवर होटल रोड के समीप मिले, जहां से दोनों समिति के सदस्य सुवर्णरेखा घाट की ओर रवाना हुए.