घाटशिला. घाटशिला के बलदेवदास संतलाल महिला महाविद्यालय परिसर में लाखों की लागत से बना 100 बेड का छात्रावास कोरोना काल से बंद है. छात्रावास का भवन जर्जर हो गया है. इसकी मरम्मत नहीं होने से स्थिति खराब हो रही है. छात्रावास के आगे व पीछे जंगली लतें और जंगली झाड़ियां शोभा बढ़ा रही हैं. छात्रावास के शौचालय, बाथरूम और छत की दीवारें जर्जर हैं. इसके कारण इस छात्रावास में छात्राओं को नहीं रखा जा रहा है. छात्रावास मरम्मत के लिए राशि नहीं होने के कारण कॉलेज प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिये हैं. नतीजतन छात्रावास आज जीर्ण-शीर्ण हालत में है. छात्रावास की मरम्मत करायी जाती है, तो छात्रावास में 100 छात्राएं रहकर शिक्षा ग्रहण कर सकती हैं. 19 सितंबर, 1988 को छात्रावास का उद्घाटन संयुक्त बिहार के समय केंद्रीय मंत्री ललितेश्वर शाही और बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री देवेंद्र नाथ चांपिया ने किया था. दोनों मंत्रियों के शिलापट्ट आज भी छात्रावास में चमक रहे हैं. छात्रावास वर्षों से बंद होने से अपना अस्तित्व खोता जा रहा है.
जंगली-झाड़ियों में सांप-बिच्छू का बसेरा :
छात्रावास के आसपास जंगली झाड़ियां उग आयी हैं. कॉलेज प्रबंधन जंगली झाड़ियों की सफाई नहीं कराता है. इस छात्रावास के बगल में कल्याण विभाग से निर्मित छात्रावास में इंटरमीडिएट और स्नातक की छात्राएं रहकर शिक्षा ग्रहण करती हैं. वहां की छात्राओं ने बताया कि पुराने छात्रावास के आसपास जंगली झाड़ियों के कारण सांप- बिच्छू का बेसरा है. कई बार उन्हें सांप दिखे हैं. सांपों के निकलने से छात्राओं में भय है. छात्रावास के पास काले रंग की मूर्ति स्थापित है. इस मूर्ति के नीचे अंकित नाम मिट गया है. इससे पता नहीं चल रहा है कि किसकी मूर्ति है.…कोट…
छात्रावास जीर्ण-शीर्ण हालत में है. शौचालय व स्नानागार की छत समेत अन्य स्थिति बेहतर नहीं है. छात्रावास के प्लास्टर झड़कर गिर रहे हैं. छात्रावास में छात्राओं को रखना खतरे से खाली नहीं है. कोरोना काल के बाद छात्रावास में छात्राओं को रखना बंद कर दिया गया. छात्रावास के आगे संतू अग्रवाल की पत्नी माना देवी की मूर्ति लगी है.– प्रो पुष्पा गुप्ता, प्रभारी प्राचार्या, बीडीएसएल महिला महाविद्यालय, घाटशिला.
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