Jharkhand Election 2024: विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो चुका है. सभी दलों के नेता सक्रिय हो गये हैं. प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी नजर आ रही है. कोई पार्टी बदल रहा है तो कोई निर्दलीय अपनी दावेदारी पेश कर रहा है. भाजपा की प्रत्याशी पूर्णिमा दास साहू का भी विरोध भाजपा नेताओं द्वारा किया जा रहा है. भाजपा नेता शिव शंकर सिंह ने तो निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है.
भाजपा कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान की लडाई लड़ रहा हूं : शिवशंकर
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की सूची जारी होने के बाद कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असंतोष और आक्रोश व्याप्त है. पार्टी पर समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगा रहे हैं. भाजपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता शिवशंकर सिंह ने भी सोमवार को चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.
एक परिवार ने भाजपा नेतृत्व को दिग्भ्रमित किया : शिवशंकर
शिवशंकर सिंह ने कहा कि जमशेदपुर पूर्वी में एक परिवार द्वारा पार्टी नेतृत्व को दिग्भ्रमित किया गया, इससे सभी कार्यकर्ताओं में पीड़ा है. वे कार्यकर्ताओं के मान एवं सम्मान की लड़ाई लड़ रहें हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनके चेहरे से नफरत थी, किसी और को टिकट ही देना था तो पार्टी के भीतर ही दिनेश कुमार थे, मिथिलेश यादव, चंद्रशेखर मिश्रा, रामबाबू तिवारी, कल्याणी शरण समेत कई नेता थे, लेकिन सबको दरकिनार कर दिया गया और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू को टिकट दिया गया, यह दुर्भाग्य की बात है.
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उन्होंने कहा कि उन्होंने यह निर्णय जनता-जनार्दन के भारी दबाव में लिया है. यह लड़ाई सामूहिक होगी, जिसमें वे चेहरा मात्र रहेंगे और लडाई जमशेदपुर पूर्वी की जनता एकत्रित होकर लड़ेगी. यह लड़ाई परिवारवाद के विरोध में सभी कार्यकर्ता मिलकर लड़ेंगे.
पीएम मोदी के परिवारवाद विरोधी सिद्धांतों का कर रहा अनुसरण
शिवशंकर सिंह ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवारवाद विरोधी सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए सभी कार्यकर्ताओं के साथ पूर्णिमा दास के चुनाव लड़ने का कड़ा विरोध कर रहे हैं और पूछ रहें हैं कि पूर्णिमा दास का चुनाव लड़ने के लिए क्या मेरिट है? उनका मेरिट सिर्फ ये है कि वह राज्यपाल रघुवर दास की बहू हैं. क्या उन्हें पता भी है कि भुइयांडीह, बारीडीह बस्ती से लेकर अन्य क्षेत्र में कौन सी सड़क कहां जाती है? कौन सी बस्ती कहां है? हमलोगों की जरूरत क्या है?
उन्होंने कहा कि वे वर्षों से नि:स्वार्थ सामाजिक कार्य करते आ रहे हैं और उनकी कोई महत्वकांक्षा भी नहीं है. पार्टी किसी भी सामान्य कार्यकर्ता को टिकट देती तो हर बार की तरह उसका समर्थन करते.
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