Jharkhand Potato Crisis News, मो. परवेज( घाटशिला) : पिछले एक सप्ताह से पश्चिम बंगाल सरकार ने झारखंड में आलू आने से रोक लगाया है. इस कारण से झारखंड के सीमावर्ती गांव के ग्रामीणों का सब्र का बांध आज टूट गया. पूर्वी सिंहभूम के गालूडीह थाना क्षेत्र के गालूडीह से पश्चिम बंगाल के बंदवान जाने वाली स्टेट हाईवे पर डुमकाकोचा गांव के पास एक दर्जन से अधिक सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण आज सुबह 6:00 जमा हुए और बंगाल से झारखंड आने वाले सब्जी की गाड़ियों को झारखंड में प्रवेश करने से रोक दिया.
पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों ने झारखंड आने वाली गाड़ियों को रोका
झारखंड के ग्रामीणों ने जब बंगाल से आने वाली गाड़ियों को रोका तो बंगाल के ग्रामीण भी गुस्सा हो गए और उनके भी एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण भी सनी गांव के पास में जमा हो गए और झारखंड से बंगाल आने वाली गाड़ियों को रोक दिया. इसके बाद पूरे सड़क में जाम लग गई.
झारखंड-बंगाल सीमा में लगा भारी जाम
दो राज्यों के दोनों तरफ सीमावर्ती गांव में जाम से गालूडीह से बंगाल के बंदवान जाने वाली स्टेट हाईवे पूरी तरह जाम हो गया. इससे दोनों राज्यों के बीच आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया. जाम के कारण बंगाल से जमशेदपुर मजदूरी करने जाने वाले सैकड़ों मजदूर फंस गए और काम पर नहीं जा पाए. वहीं सब्जी, दूध, छैना, फूल समेत उन कच्चे पदार्थ का आदान-प्रदान करने वाले भी फंस गए हैं.
झारखंड और बंगाल पुलिस मौके पर पहुंची, शातं कराया मामला
घटना की सूचना पाकर पश्चिम बंगाल के बदवान और झारखंड के गालूडीह पुलिस मौके पर पहुंची. दोनों राज्यों की पुलिस ने दोनों तरफ के ग्रामीणों को समझाकर मामला शांत कराया. बंगाल के लोगों ने कहा कि झारखंड के लोग झोला में आलू ले जा सकते हैं. एक-दो बोरा आलू बीज ले जाने देंगे इससे अधिक नहीं. बंगाल का सब्जी झारखंड जाने दें नहीं तो हम लोग भी झारखंड के लोगों को बंगाल में घुसने नहीं देंगे. वहीं झारखंड के लोगों ने कहा कि बाइक साइकिल से आलू लाने दें जिस पर बंगाल के लोग राजी हुए और 5 घंटे बाद मामला शांत हुआ, तब जाकर जाम हटा.