गालूडीह.
कोदर नाला प्रचंड धूप व गर्मी से सूख गया है. इस पर दर्जनों गांव के लोग आश्रित थे. कई गांवों से होते हुए कोदर नाला गालूडीह के पास हाइवे और रेललाइन पार कर सुवर्णरेखा नदी में जाकर मिलती है. बरसात में यह नाला उफना जाता है. ठंड के दिनों में इसमें पानी रहता है, पर इधर कुछ सालों से गर्मी में कोदर नाला सूख जा रहा है. ग्रामीण कहते हैं कि पहले गर्मी में इस नाला में पानी रहता था. यह पहाड़ी झरना से निकला नाला है. जो दर्जनों गांवों से होते हुए सुवर्णरेखा नदी में जाकर मिल जात है. गर्मी में कोदर नाला कई गांवों का सहारा था. यहां लोग नहाने, कपड़ा धोने और मवेशियों को पानी पिलाते थे. कई गांव के लोग तो इस नाला के पानी से पटवन भी करते हैं. पर अब यह संभव नहीं हो रहा. इस नाला पर घिकूली के पास लाखों की लागत से एक बड़ा चेकडैम भी बनाया गया था. उद्देश्य था गर्मी में यहां पानी का ठहराव रहे. पर चेकडैम कारगर साबित नहीं हुआ. ग्रामीण कहते हैं कि गर्मी तो दूर जाड़े के मौसम ही इस चेकडैम में पानी नहीं रहता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है