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कोल्हान विवि में संताली विभागाध्यक्ष भी नहीं, गेस्ट फैकल्टी के भरोसे पढ़ाई

आदिवासी बहुल क्षेत्र में स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के किसी कॉलेज में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के एक भी प्रोफेसर नहीं हैं. वहीं, क्षेत्रीय भाषा संताली के लिए विभागाध्यक्ष का पद तक सृजित नहीं है.

– आदिवासी बहुल क्षेत्र में जनजातीय भाषाओं की हो रही अनदेखी

– विवि व कॉलेजों से हर साल सैकड़ों विद्यार्थी संताली में दाखिला लेते हैं

– 8 जी-3 घाटशिला महाविद्यालय का मुख्य द्वार.

अजय पाण्डेय, घाटशिला

आदिवासी बहुल क्षेत्र में स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के किसी कॉलेज में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के एक भी प्रोफेसर नहीं हैं. वहीं, क्षेत्रीय भाषा संताली के लिए विभागाध्यक्ष का पद तक सृजित नहीं है. ऐसे में वर्षों से संताली की पढ़ाई गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रही है. दरअसल, संताली विषय की पढ़ाई की नियमावली में परिवर्तन नहीं होने से घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली भी नहीं हो पा रही है. विद्यार्थियों और अभिभावकों का कहना है कि क्षेत्रीय भाषा संताली की पढ़ाई की दिशा में सरकार और विश्वविद्यालय गंभीर नहीं है.

कोल्हान विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ डीसी दास का कहना है कि मामला टीआरएल विभाग का है. कोल्हान विवि में संताली शिक्षक का पद स्वीकृत है. जेपीएससी को शिक्षक बहाली के लिए विशेषज्ञ नहीं मिल रहे हैं. विवि में वर्ष 2009 से संताली विषय की पढ़ाई हो रही है.

यही स्थित रही तो…समस्या और बढ़ेगी

ज्ञात हो कि कोल्हान विवि और अंगीभूत कॉलेजों में संताली विषय से यूजी और पीजी की पढ़ाई के लिए प्रत्येक वर्ष विद्यार्थी नामांकन लेते हैं. बिना विभागाध्यक्ष के पढ़ाई कर उत्तीर्ण हो जाते हैं. इस विषय के प्रति सरकार और विश्वविद्यालय गंभीरता से विचार नहीं कर रहा है. यही हाल रहा, तो क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई विद्यार्थियों के लिए समस्या बन कर खड़ी हो जायेगी. क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति विद्यार्थियों की रुचि घटने लगेगी.

घाटशिला कॉलेज : संताली में कुल विद्यार्थी

स्नातक

वर्ष – सीट- नामांकन

2020- 193-193

2021-193-193

2022- 193- 193

2023-193-193

2024- 193-198 (जारी)

स्नातकोतर

वर्ष – सीट- नामांकन

2022-24 -150 – 85

2023-2025-150- 67

—————–

घाटशिला कॉलेजों में दो गेस्ट फैकल्टी पर संथाली टिकी

घाटशिला कॉलेज में संथाली विषय से यूजी और पीजी कराने की जिम्मेदारी दो गेस्ट फैकल्टी के भरोसे है. मानिक मार्डी और बसंती मार्डी घाटशिला कॉलेज में यूजी और पीजी में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों को संथाली विषय की पढ़ाई कराते हैं.

…कोट…

तकनीकी चूक के कारण कोल्हान विवि और अंगीभूत कॉलेजों में संताली शिक्षकों की बहाली नहीं हो पा रही है. शिक्षक बहाली सरकार की जिम्मेदारी है. विश्वविद्यालय अनुशंसा करता है. कुछ तकनीकी चूक से इस विषय में शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है. गेस्ट फैकल्टी के भरोसे संताली विषय की पढ़ाई जारी है.

– डॉ आरके चौधरी, प्राचार्य, घाटशिला कॉलेज, घाटशिला

…कोट…

क्षेत्रीय भाषा संताली विषय से स्नातक और पीजी (स्नातकोतर) करने वाले विद्यार्थियों की कमी नहीं है. नयी शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई पर बल दिया गया है. विद्यार्थियों की रुचि क्षेत्रीय भाषा में अधिक है. स्थायी शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थियों को क्षेत्रीय भाषा संताली की पढ़ाई में परेशानी हो रही है.

– डॉ एसपी सिंह, नामांकन प्रभारी, घाटशिला कॉलेज, घाटशिला.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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