East Singhbhum News : मकर पर्व की तैयारी शुरू, खजूर व ताड़ के पत्तों से कुम्हा बना रहे बच्चे
बहरागोड़ा : धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है परंपरा
बहरागोड़ा. बहरागोड़ा प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में मकर संक्रांति प्रमुख त्योहार है. यहां मकर पर कुम्हा बनाने की परंपरा आज भी बरकरार है. ग्रामीण क्षेत्र के युवा कुम्हा बनाने में जुट गये हैं. स्कूल की छुट्टी रहने के कारण बच्चे सुबह से खजूर व ताड़ के पत्ते काट कर धूप में सूखा रहे हैं. युवा एक सप्ताह पहले से कुम्हा बनाने की तैयारी में हैं. हालांकि, यह परंपरा धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है. क्षेत्र के गांवों में मकर संक्रांति सादगी पूर्वक मनायी जाती है.
जानकारी हो कि मकर संक्रांति की सुबह लोग नदी व तालाब में स्नान करते हैं. इसके बाद नये कपड़े पहन कर पीठा व पकवान का आनंद उठाते हैं. कड़ाके की ठंड के मद्देनजर नदी और तालाब में स्नान के उपरांत अलाव की व्यवस्था के लिए गांव के बच्चे ताड़ के पत्तों से कुम्हा तैयार करते हैं. बिहारी समुदाय के लोग इस दिन दही-चूड़ा और तिल-गुड़ आदि का सेवन करते हैं. तिल और गुड़ से तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं.ज्ञात हो कि बहरागोड़ा त्रिवेणी संगम है. यहां पश्चिम बंगाल, ओडिशा व झारखंड की परंपरा साथ दिखती है. बहरागोड़ा किसान बहुल क्षेत्र है. मकर की सुबह लोग जलाशयों में स्नान के बाद नया कपड़ा पहनते हैं. इसके बाद कुम्हा जलाकर आग तापते हैं.
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