शराब बंद हो, पर हड़िया आदिवासियों की परंपरा : महाल
मांझी परगना महाल ने की गांव में बैठक, पुतड़ू व दारीसाई में शराब के साथ हड़िया बहाने पर महाल का विरोध
गालूडीह. गालूडीह थाना के दारीसाई व पुतड़ू गांव में मंगलवार को महिलाओं ने शराब बंदी को लेकर अभियान चलाया. अभियान का गालूडीह पुलिस ने भी समर्थन किया. पुलिस ने दारीसाई में एक व पुतड़ू में तीन अवैध देसी महुआ शराब की भट्ठियों को तोड़ दिया. अभियान के दौरान चार शराब दुकानों से शराब के अलावे 13 हंडी हड़िया भी बरामद हुआ. इसे पुलिस ने नष्ट कर दिया. इसे लेकर बुधवार को ग्राम प्रधान मृत्युंजय महतो की अध्यक्षता बैठक हुई. बैठक में माझी परगना महाल घाटशिला के प्रखंड अध्यक्ष सह देश विचार सचिव बहादुर सोरेन ने कहा कि पुलिस ने मंगलवार को गरीब विधवा सोनामोनी टुडू के घर में घुसकर चावल से बने हड़िया को बहा दिया गया. जबकि गर्मी के समय में हर एक आदिवासी के घर में हड़िया रहता है. आदिवासी नशा का समर्थन नहीं करते हैं. शराब बेचने और पीने के हम भी विरोधी हैं. पर चावल से हड़िया बनाना आदिवासियों की परंपरा है. वहीं सोनामोनी टुडू ने बताया कि मैं शराब नहीं बेचती हूं. हड़िया बेचकर परिवार चलाती हूं और बच्चों को पढ़ाती हूं. बाकी महिलाएं भी बाजार और मेले में हड़िया बेचती हैं. बैठक में शराब बदी का समर्थन किया गया, पर हड़िया बेचने पर रोक नहीं लगाने की बात कही गयी. निर्णय लिया गया कि 17 मई को पुन: पुतड़ू में ग्रामसभा होगी. बैठक में महाल के बहादुर सोरेन, सुधीर सोरेन, ग्राम प्रधान मृत्युंजय महतो, जगन्नाथ सोरेन, लखी हांसदा, दशरथ मांझी, सोबान मार्डी, विशु मांझी, लखी कर्मकार, सुरेश सोरेन, अर्जुन हेंब्रम आदि ग्रामीण उपस्थित थे.
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