जमशेदपुर. टाटा स्टील ने कंपनी के प्लांट में होने वाले हादसे को रोकने के लिए रणनीति बनायी गयी है. जीरो एक्सीडेंट और रक्तरहित स्टील के उत्पादन को लेकर कंपनी के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये है. कई स्तर पर काम किया जा रहा है. प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर फिर से समीक्षा की गयी है. सेफ्टी लीडरशिप बनायी गयी है. वहीं, रिस्क मैनेजमेंट, कांट्रैक्टर्स सेफ्टी रिस्क मैनेजमेंट, रोड रेल इंसीडेंट को रोकने, प्रोसेस सेफ्टी मैनेजमेंट, हेल्थ इंडस्ट्रियल हाइजीन पर काम चल रहा है. टाटा स्टील के एमडी के स्तर पर सेफ्टी, हेल्थ व इनवायरमेंट कमेटी बनायी गयी है, जो पूरे कंपनी के सेफ्टी की हर माह समीक्षा करती है. वहीं, एपेक्स सेफ्टी काउंसिल का भी गठन किया गया है, जिसके चेयरपर्सन खुद एमडी है. सभी वीपी को भी इसमें जगह दी गयी है, जो हर माह समीक्षा कर रही है. उच्च तापमान वाले एरिया में गर्मी में दिये जा रहे ग्लूकोज. टाटा स्टील के ब्लास्ट फर्नेस हो या फिर उच्च तापमान वाले एरिया में गर्मी के मौसम में खास तैयारी की गयी है. इसके तहत हीट स्ट्रोक और हीट वेव से बचाने के लिए कर्मचारियों को जागरूक किया जा रहा है.कर्मियों को ग्लूकोज दिये जा रहे है. गर्मी के मौसम के तीन माह के भीतर ही इसको लेकर तैयारी की जाती है. इसके अलावा कर्मचारियों में सर्वे कर यह पता लगाया जाता है कि कितने डेजर्ट कूलर्स की आवश्यकता है और उसी अनुसार डेजर्ट कूलर्स का आर्डर प्लेस किया जाता है. ओआरएस का वितरण भी किया जा रहा है. शितल पेय की व्यवस्था की गयी. इसके साथ कई तरह के इंतजाम किये गये है.
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टाटा स्टील ने जीरो एक्सीडेंट के लिए बनायी रणनीति, सेफ्टी को लेकर उठे कई कदम
गर्मी को लेकर कर्मचारियों के लिए किये गये खास इंतजाम
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