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पारंपरिक औजार व तीर-धुनष की छूट, जाल, फांस व बंदूक लाने पर रोक

परसुडीह क्षेत्र के गदड़ा मेें गुरूवार को वन विभाग व सेंदरा समिति की एक बैठक हुई. जिसमें आपसी टकराव की आशंका को देखते हुए विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा किया गया. साथ ही दोनों ने एक-दूसरे की बातों को समझने का प्रयास किया.

फ्लैग) टकराव की स्थिति से निबटने के लिए वन विभाग व सेंदरा समिति के बीच हुई बैठक

-वन विभाग सेंदरा वीरों को नहीं करेगा परेशान, परंपरा का करता है सम्मान

-वन विभाग ने सेंदरा वीरों व आमजनों से वन में आगजनी नहीं करने की अपील की

जमशेदपुर:

जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत गदड़ा गांव में दलमा बुरू सेंदरा समिति व वन विभाग के अधिकारियों के बीच वार्ता देश प्रधान सह दलमा राजा राकेश हेंब्रम के आवास प्रांगण में हुई. बैठक में 20 मई को होने वाले दलमा सेंदरा व सेंदरा वीरों के साथ टकराव की स्थिति के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों ने सेंदरा समिति व दिसुआ सेंदरा वीरों से आग्रह किया कि वनों में दिन प्रतिदिन वन्य जीवों की संख्या तेजी से घटती जा रही है. इसलिए सेंदरा परंपरा को निर्वाह करते समय इस बात को ख्याल रखा जाना चाहिए. वन्य जीवों को बचाना केवल वन विभाग का काम नहीं है, बल्कि समस्त समाज व समुदाय का भी कर्तव्य है. वन विभाग सेंदरा परंपरा के खिलाफ बिलकुल नहीं है. आदिवासी समाज अपनी सदियों पुरानी परंपरा को जीवित रखे. वन विभाग इसमें रोड़ा नहीं है. उन्होंने आग्रह किया कि हाल के दिनों में वनों में आगजनी की समस्या बढ़ी है. इससे पूरा वन विभाग परेशान है. इसलिए वनों से सटे गांवों के ग्रामीण इस समस्या से निजात दिलाने में सहयोग करें. ताकि वन और वन्य जीवों को बचाया जा सके. वन विभाग की ओर से रेंजर अपर्णा चंद्रा व दिनेश चंद्रा ने अपनी बातों को रखा.

वन विभाग सेंदरा परंपरा निर्वहन में करे सहयोग तो आदिवासी समाज भी करेगा मदद

आदिवासी समाज की ओर से दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने वन विभाग अधिकारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि दिसुआ सेंदरा वीर भलीभांति अवगत हैं कि उन्हें आज की परिस्थिति में सेंदरा को किस रूप में मनाना है. दलमा में 1940 से लगातार दिसुआ सेंदरा का आयोजन हो रहा है. यदि आदिवासियों का सेंदरा करना ही मकसद होता तो शायद ही आज तक एक भी वन्य जीव शेष नहीं बचते.

बेवजह चेकनाका बनाकर सेंदरा वीरों के पारंपरिक औजारों को जब्त न करे वन विभाग: दलमा राजा

सेंदरा के दौरान कई सामाजिक व पारंपरिक अनुष्ठान किये जाते हैं. वन देवी-देवताओं से अच्छी बारिश की कामना की जाती है. सिंगराई व लोबीर दोरबार जैसे कार्यक्रम का आयोजन होता है. उन्होंने कहा कि बिना किसी रोक-टोक सेंदरा परंपरा का निर्वहन होने दें. सेंदरा वीरों को बेवजह चेकनाका बनाकर उनकी पारंपरिक औजारों को जब्त नहीं करें. वन विभाग हमें अपने परंपरा को निर्वहन करने में सहयोग करे, आदिवासी समाज भी विभाग को मदद प्रदान करेगा. आदिवासी समाज की ओर से बाल्ही मार्डी, राजेश सामंत, जेना जामुदा, धानो मार्डी समेत अन्य ने अपनी बातों को रखा.

दलमा राजा ने दिसुआ ग्रामीणों ने वन में आगजनी पर रोक लगाने का किया आह्वान

दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने दिसुआ ग्रामवासियाें से वनों में आगजनी पर रोकथाम करने का आह्वान किया. श्री हेंब्रम का कहा कि असामाजिक तत्व वनों में आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इससे वन और वन्य जीव को नुकसान हो रहा है. इसका असर हम इंसानों पर भी पड़ रहा है. इसलिए सभी ग्रामवासी अपने-अपने क्षेत्र में असामाजिक तत्वों को वनों में आगजनी करने से रोकें.

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