गालूडीह : बाबा तिलका मांझी की मूर्ति तोड़ने का विरोध, दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
सिदो कान्हू दिशोम जाहेरगाढ़ में ग्राम प्रधान व आदिवासी समाज की हुई बैठक
गालूडीह. घाटशिला प्रखंड के सिदो-कान्हू दिशोम जाहेरगाढ़ जोजोगोड़ा-ठाकुरबाड़ी में बुधवार को हेंदलजुड़ी, बनकांटी पंंचायत और आस-पास के कई गांवों के ग्राम प्रधान, जाहरेगाढ़ कमेटी और आदिवासी समाज की बैठक हुई. बैठक में पिछले दिनों सुरदा दिशोम जाहरेगाढ़ के पास स्थापित शहीद बाबा तिलका मांझी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने पर रोष प्रकट करते हुए विरोध जताया. बैठक में आदिवासी समाज ने पुलिस-प्रशासन से मांग की कि जल्द दोषियों को गिरफ्तार किया जाये और सजा दिलायी जाये. अन्यथा आदिवासी समाज आंदोलन को बाध्य होगा.
समाज में जहर घोलना चाहते हैं शरारती तत्व
आदिवासी समाज ने कहा कि बाबा तिलका मांझी आदिवासी समाज नहीं, बल्कि देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे. उनका इस तरह अपमान समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ शरारती तत्व समाज से जहर घोलना चाहते हैं. उनके मंसूबों को पुलिस-प्रशासन नाकाम करें. बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर तय समय के अंदर आरोपी को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती है तो आदिवासी समाज लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन को बाध्य होगा. बैठक में श्रीकांत मुर्मू, सुभाष मुर्मू, विक्रम बास्के, लक्ष्मण मार्डी, दुलाल चंद्र हांसदा, डोमन हांसदा, दुर्गाचरण मुर्मू, अनिल मार्डी, सुनाराम किस्कू, बिरसा मुर्मू, जुगल हांसदा, हरि मुर्मू, आनंद मार्डी, सचिन मार्डी, शंकर मार्डी, हरि मुर्मू, मिर्जा हांसदा, तपन सोरेन, विमल मार्डी, दुलाराम टुडू, दुलू टुडू, दुर्लभ सोेरेन, नारायण सोरेन आदि उपस्थित थे.डॉ सुनीता देवदूत सोरेन ने घटना को दुखद बताया
भाजपा नेत्री डॉ सुनीता देवदूत सोरेन ने भी बाबा तिलका माझी की प्रतिमाओं को तोड़ने की घटना पर दुख व्यक्त किया. डॉ सुनीता ने कहा कि प्रशासन को इस मामले में असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. दो दिन पहले किसी असामाजिक तत्वों ने सुरदा क्रॉसिंग चौक पर बाबा तिलका मांझी की प्रतिमा को क्षति पहुंचायी. यह काफी निंदनीय है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है