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East Singhbhum : सांसद विद्युत महतो ने सदन में की मांग, घाटशिला और बहरागोड़ा के बीच एम्स बने

सांसद ने दिल्ली में केंद्रीय खान मंत्री को ज्ञापन सौंपा, माइंस खुलने से एचसीएल मजबूत होगी, क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा, एचसीएल की गलत नीतियों से राखा और चापड़ी माइंस चालू नहीं हुई

घाटशिला. जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को संसद में पूर्वी सिंहभूम (झारखंड) जिले के घाटशिला से बहरागोड़ा बीच एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की स्थापना करने की मांग की. सांसद ने नियम 377 के अधीन कहा कि झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र विशेषकर जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र में चिकित्सा की समस्या है. संसदीय क्षेत्र झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सीमा पर है. यहां के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है. इन क्षेत्रों में बहुसंख्यक आदिवासी और अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं, जिनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर है.

तीन राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को मिलेगा लाभ

राज्य के देवघर में एम्स है, जो जमशेदपुर से लगभग 350 किमी दूर है. यहां के लोगों के लिए इलाज प्राप्त करना कठिन है. यात्रा की दिक्कत और चिकित्सा सहायता की कमी के कारण लोग इलाज के लिए दूर-दूर तक जाते हैं. उनके लिए आर्थिक और शारीरिक बोझ है. मेरा मंत्री जी से निवेदन है कि जमशेदपुर में घाटशिला और बहरागोड़ा के बीच एक एम्स की स्थापना की जाये. इससे झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र के नागरिकों को लाभ मिलेगा. इस कदम से आदिवासी और पिछड़े समुदाय के लोगों को जीवनदायिनी चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनायेगी.

मंत्री जी! राखा, चापड़ी और केंदाडीह माइंस को जल्द खोलवायें, बेरोजगारी से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति खराब

मुसाबनी. जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय खान मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की. उन्हें ज्ञापन सौंपकर एचसीएल की राखा, चापड़ी और केंदाडीह माइंस को जल्द चालू करने और मुसाबनी प्रखंड की धोबनी ,किशनगढ़िया और पाथरगोड़ा माइंस को नये सिरे से चालू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 से बंद राखा कॉपर और प्रस्तावित चापड़ी माइंस को चालू करने के लिए उनकी पहल पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिलान्यास किया था. राखा और चापड़ी माइंस के चालू होने से बड़े पैमाने पर ताम्र अयस्क का उत्पादन होगा. देश की जरूरत पूरा करने में सहायक होगा. माइंस खुलने से एचसीएल की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. एचसीएल प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण राखा और चापड़ी माइंस को चालू नहीं किया गया. स्थानीय लोगों की उम्मीदें टूटने लगी हैं. एचसीएल की ओर से एमडीयू निकाला गया है, जो अबतक फाइनल नहीं हुआ है.

तकनीकी कारणों से केंदाडीह खदान एक साल से बंद

सांसद ने कहा कि केंदाडीह खदान तकनीकी कारण से एक साल से अधिक समय से बंद है. इससे क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ी है. आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या है. केंदाडीह माइंस को जल्द चालू किया जाये. मुसाबनी की पहचान सिंहभूम कॉपर बेल्ट के रूप में होती है. यहां का प्रमुख रोजगार का स्रोत खनन क्षेत्र है.

मुसाबनी में तांबा का अकूत भंडार, देश की जरूरतों को करेगा पूरा

मुसाबनी प्रखंड की धोबनी, किसनगढ़िया और पत्थरगोड़ा खदानें लंबे समय से बंद हैं. क्षेत्र में बहुमूल्य धातु तांबा समेत अन्य बहुमूल्य धातुओं का पर्याप्त भंडार है. बंद पड़ी खदानों के चालू होने से देश को तांबा के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. देश की घरेलू आवश्यकता को हद तक खदानों से उत्पादित तांबा से पूरा किया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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