East Singhbhum : जमशेदपुर सांसद ने केंद्रीय खनन मंत्रालय से मऊभंडार आइसीसी कारखाना चालू करने की मांग की
सांसद विद्युत वरण महतो ने संसद सत्र में उठाया मुद्दा, क्षेत्र की समस्याएं गिनायीं
घाटशिला. सांसद विद्युत वरण महतो ने हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की मऊभंडार में संचालित आइसीसी स्मेल्टर प्लांट (दिसंबर 2019 से बंद) को जल्द चालू कराने की मांग भारत सरकार के खनन मंत्रालय से की है. सांसद ने संसद सत्र में लोकहित के तहत नियम 377 के अधीन आइसीसी का मामला उठाया. उन्होंने बताया कि स्मेल्टर प्लांट बंद होने से स्थायी मजदूर भविष्य को लेकर चिंतित हैं. अस्थायी मजदूर भी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. आर्थिक तंगी से मजदूर और परिवार के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. बच्चों की पढ़ाई और बेटियों की शादी नहीं हो रही है. सांसद ने कहा कि मऊभंडार-मुसाबनी आदिवासी बहुल क्षेत्र है. रोजगार का यहां दूसरा विकल्प नहीं है. सांसद ने केंद्रीय खनन मंत्री से मांग की कि एचसीएल/आइसीसी की मऊभंडार स्मेल्टर प्लांट को मॉडनाइज की जाये. कॉपर अयस्क की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये. उन्होंने एचसीएल की राखा कॉपर, चापड़ी और केंदाडीह माइंस को चालू कराने की मांग की है.
कॉपर खदानों से उत्पादित अयस्क बाहर नहीं जाने दिया जायेगा
सांसद ने कहा कि बंद कॉपर खदानों को दोबारा चालू कराने के लिए वे लंबे समय से प्रयासरत हैं. फ़रवरी 2019 में पूर्व सीएम रघुवर दास ने राखा कॉपर और चापड़ी माइंस को नये सिरे से चालू कराने के लिए भूमि पूजन की थी. खदानों के चालू होने से रोजगार के अवसर सृजित होंगे. प्रबंधन की लापरवाही से अब तक यह संभव नहीं हुआ है. सुरदा माइंस चालू हुआ है. राखा कॉपर, चापड़ी माइंस का विकास कर उत्पादन शुरू करने व बंद केंदाडीह माइंस को दोबारा चालू करने से अयस्क का उत्पादन संभव हो सकेगा. मऊभंडार प्लांट की जरूरत पूरी होगी. कॉपर खदानों के साथ मऊभंडार स्मेल्टर प्लांट को त्वरित गति से चालू कराने की पहल जरूरी है. स्मेल्टर प्लांट और ताम्र खदानों के चालू होने से मजदूरों को रोजगार मिलेगा. क्षेत्र का विकास संभव होगा. मऊभंडार स्मेल्टर प्लांट चालू नहीं होता है तो कॉपर खदानों से उत्पादित अयस्क बाहर जाने नहीं दिया जायेगा.
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