बहरागोड़ा : जमीन पर बैठते हैं यात्री, पेयजल व शौचालय के लिए भटकते हैं
बहरागोड़ा अंतरप्रांतीय जिला परिषद बस टर्मिनल में यात्री सुविधाएं नहीं, बस टर्मिनल से विभिन्न राज्यों के लिए रोजाना 50-60 बसें खुलती हैं, एक साल से टेंडर नहीं, अंचल विभाग वसूल रहा राजस्व
बहरागोड़ा. बहरागोड़ा में राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच)-18 किनारे स्थित अंतर प्रांतीय जिला परिषद बस टर्मिनल सुविधाविहीन है. यहां बस टर्मिनल वर्ष 2017 से चल रहा है. विभिन्न राज्यों के लिए लगभग 50-60 बसें खुलती हैं. विगत एक साल से बस टर्मिनल की निविदा नहीं हुई है. जिला परिषद के निर्देश पर अंचल कार्यालय राजस्व वसूली कर रहा है. इसके पूर्व पांच बार निविदा हो चुकी है, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व मिलता था. यहां आज भी यात्री सुविधाओं का अभाव है.
यात्रियों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं
बस टर्मिनल में विभिन्न राज्यों के यात्री बस पकड़ने के लिए आते हैं. बस के लिए इंतजार करना पड़ता है. यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था तक नहीं है. यात्री जमीन पर बैठकर बस का इंतजार करते हैं. पूर्व के बस टर्मिनल के संचालकों ने बैठने की व्यवस्था की मांग विभाग से की. अबतक इस दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं की गयी.सोलर पंप खराब, शौचालय बेकार
यात्रियों की सुविधा के लिए लगभग कुछ साल पहले सोलर पंप लगाया गया था. उसी से शौचालय का उपयोग होता था. सोलर पंप खराब होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पानी के अभाव में शौचालय भी बेकार पड़ा है. बस टर्मिनल के दैनिक मजदूरों ने कहा कि सबमर्सिबल खराब होने की शिकायत कई बार कर चुके हैं. विशेष परिस्थिति में महिलाओं के लिए एक शौचालय पर पानी की व्यवस्था की गयी है.स्ट्रीट लाइटें खराब, शाम होते ही पसर जाता है अंधेरा
जिला परिषद बस टर्मिनल बनने के बाद लाखों रुपये की लागत से 14 स्ट्रीट लाइट लगायी गयी थी, जो आजतक एक दिन भी नहीं जली है. शाम होते ही जिला परिषद बस टर्मिनल में पूरी तरह से अंधकार हो जाता है. रात होते ही शरारती तत्वों का जमावड़ा भी लग जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है