गालूडीह. गालूडीह का बस पड़ाव (स्टैंड) सुविधा विहीन है. यह स्थिति कई दशक से है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है. स्टैंड में बस का इंतजार कर रहे यात्रियों के बैठने तक की जगह नहीं है. यहां न शौचालय है, न शेड. यात्रियों को होटल, दुकान और अंडर पास के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है. सर्दी, गर्मी व बरसात में यात्रियों को परेशानी होती है. यात्रियों के लिए अंडर पास सबसे बड़ा सहारा है. यहां बहरागोड़ा, मुसाबनी, जमशेदपुर व रांची से आने वाली तमाम बसें रुकती हैं. रात में ओडिशा और कोलकाता जाने वाली बसें ठहरती हैं.
एनएच पर यात्री शेड व शौचालय बना, लेकिन उपयोग नहीं
जब फोरलेन बना, तो एनएच की पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्री शेड बनाया गया. हालांकि, वह बस स्टैंड से काफी दूर बना दिया गया. जहां न यात्री जाते हैं, न बसें रुकती हैं. पश्चिम दिशा में बने यात्री शेड के पास बोरिंग और महिला-पुरूषों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाया गया है. इसका उपयोग नहीं होता है. साफ-सफाई के अभाव में गंदगी भर गयी है. पूर्व दिशा में सिर्फ शेड बना है. उक्त शेड मवेशियों का अड्डा बन गया है. रात में शराबियों का जमावड़ा लगता है.
गालूडीह से बंगाल के लिए खुलती हैं बसें
गालूडीह से पश्चिम बंगाल के बांदवान, सिलदा, बांकुड़ा तक की बसें और छोटे यात्री वाहन चलते हैं. आंचलिक मैदान के पास स्टैंड है. गालूडीह से नरसिंहपुर स्टेट हाइवे होते हुए वाहन बंगाल जाते हैं. यहां भी कोई सुविधा नहीं है. लोग होटल, पान दुकान और वृक्ष के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं.
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