East Singhbhum : डुमरिया सीएचसी में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं, घाटशिला जाती हैं गर्भवती माताएं
अस्पताल में वर्ष 2024 में 757 माताओं का हुआ प्रसव, सीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं, संसाधनों की घोर कमी, 10 पंचायतों के 90 गांवों के लोग सीएचसी पर आश्रित
डुमरिया. डुमरिया प्रखंड की 10 पंचायतों के 90 गांवों के लोगों के इलाज का एकमात्र सहारा डुमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है. सीएचसी का नया भवन प्रखंड के भालुकपातड़ा गांव में बन रहा है. डुमरिया सीएचसी फिलहाल पुराने प्रखंड मुख्यालय भवन में चला रहा है. यहां कुल आठ चिकित्सक कार्यरत हैं. डुमरिया सीएचसी में संसाधनों की कमी के बावजूद चिकित्सकों व एएनएम की टीम के प्रयास से बेहतर परिणाम मिलते रहे हैं. यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ पदस्थापित नहीं है. यहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है. इसके लिए मरीजों को घाटशिला जाना पड़ता है. ऐसे में गर्भवती माताओं को दिक्कत होती है. उनका समय का साथ आर्थिक परेशानी भी होती है. स्थानीय लोगों ने सीएचसी में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था करने की मांग की है.
वर्ष 2024 में डुमरिया सीएचसी में कुल 757 गर्भवती महिलाओं का सफल प्रसव हुआ. इनमें जनवरी में 67, फरवरी में 45, मार्च में 66, अप्रैल में 46, मई में 59, जून में 49, जुलाई में 60, अगस्त में 73, सितंबर में 72, अक्तूबर में 67, नवंबर में 75, दिसंबर में 78 गर्भवती महिलाओं का सफल प्रसव कराया गया.कोकपाड़ा पीएचसी में साफ-सफाई में मिली कमी, अपडेट नहीं थे रजिस्टर
सिविल सर्जन के निर्देश पर प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डॉ गोपीनाथ माहली व बीपीएम अभय सिंह ने शनिवार को कोकपाड़ा पीएचसी व नालदुहा आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया. इस क्रम में केंद्र में पदस्थापित डॉ सोमाय हांसदा व नलदोहा आरोग्य मंदिर की सीएचओ रीना कुमारी से जानकारी ली. उन्होंने दवा वितरण व्यवस्था का जायजा लिया. मरीज से मिलकर केंद्र की व्यवस्था की जानकारी ली. डॉ गोपीनाथ माहली ने कहा कि दोनों केंद्र में सभी स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित पाये गये. परिसर में साफ-सफाई की कमी पायी गयी, जिसके लिए उन्हें कड़े निर्देश दिये गये. स्वास्थ्य केंद्र के दस्तावेज संधारण (अपडेट) में कमी पायी गयी, जिन्हें अविलंब दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया.चाकुलिया : 108 एंबुलेंस अस्पताल खराब, मरीज परेशान
चाकुलिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की 108 एंबुलेंस की स्थिति खराब है. अस्पताल में दो 108 एंबुलेंस है. इसमें एक एंबुलेंस में टायर नहीं है. दूसरी एंबुलेंस की स्थिति सही नहीं है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए लोग 108 एंबुलेंस को फोन करते हैं, परंतु एंबुलेंस खराब होने के कारण समय पर मरीज को लाभ नहीं मिल पाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है