जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग के केस में 16 साल बाद गैंगस्टर अखिलेश सिंह बरी
19 मार्च 2008 को साकची उत्पाद कार्यालय के समीप आरपी रवि पर फायरिंग हुई थी. गोली उनकी छाती, पैर और कान के पास लगी थी
जमशेदपुर. एडीजे-4 आनंदमणि त्रिपाठी की कोर्ट ने जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग के केस में दुमका जेल बंद में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया. इस केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत 22 लोगों की गवाही हुई थी, लेकिन केस में अखिलेश सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 307, 120 बी,आर्म्स की धारा साबित नहीं हो सकी. इस केस में आरोपी रहे बंटी जायसवाल, रीतेश राय, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह के खिलाफ अलग से सुनवाई चल रही है. उक्त केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत सभी 22 लोगों की गवाही पूरी हो चुकी है. गौरतलब है कि 19 मार्च 2008 को साकची उत्पाद कार्यालय के समीप जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गों ने फायरिंग की थी. गोली उनकी छाती, पैर, कान के पास लगी थी. घटना के बाद उनकी पत्नी टेंपो में उन्हें टीएमएच लेकर पहुंची थी. बताया जाता है कि साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में तत्कालीन जज आरपी रवि ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी थी, उक्त फैसले से नाराज अखिलेश सिंह ने जज से बदला लेने की नीयत से अपने गुर्गों से फायरिंग करवायी थी, यह फायरिंग उस वक्त हुई थी जब वे घर से बाहर सड़क पर निकले थे. घटना के बाद पुलिस ने अखिलेश सिंह का केस में बतौर साजिशकर्ता और फायरिंग की घटना को अंजाम देने में सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, नितेश, पप्पू सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को आरोपी बनाते हुए केस किया था. कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता प्रकाश झा, अधिवक्ता विद्या सिंह ने पक्ष रखा. जबकि आरोपी अखिलेश सिंह वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जुड़ा था. यह बना आधार केस की सुनवाई के दौरान अखिलेश सिंह शांत दिखने, पेशी के दौरान अच्छा व्यवहार को बचाव पक्ष की से अधिवक्ता प्रकाश झा, विद्या सिंह ने बतौर साक्ष्य पेश किया था. इस कारण जज आरपी रवि फायरिंग के केस में धारा 307, 120 बी और आर्म्स एक्ट के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं माना और इसका लाभ जेल में बंद आरोपी अखिलेश सिंह को मिला. एक और केस में अखिलेश सिंह बरी अखिलेश सिंह के खिलाफ एक और केस में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया. जज आरपी रवि पर फायरिंग के केस के अलावा साकची श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे हत्याकांड, ट्रांसपोर्टर उपेंद्र शर्मा हत्याकांड, टाटा स्टील के सुरक्षा पदाधिकारी जयराम सिंह हत्याकांड, बिरसानगर श्रृष्टि गार्डन में बेनामी संपत्ति केस, सिदगोड़ा समेत शहर के कई थाना में पकड़े गये हाइवा, ट्रेलर व अन्य गाड़ियों के केस में अखिलेश सिंह बरी हो चुका है.