Loading election data...

गोड़गोड़ा सामुदायिक भवन में प्रत्येक रविवार को लगेंगी ओलचिकी की कक्षाएं

एमजीएम थाना अंतर्गत ग्राम गोड़गोड़ा(बालीगुमा) में सामुदायिक विकास भवन में आसेका की ओर से ओलगुरु पंडित रघुनाथ मुर्मू का 119वां जयंती समारोह मनाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 8:40 PM
an image

बालीगुमा : ओलचिकी पठन-पाठन के लिए पाठशाला का शुभारंभ

अतिथि व ग्रामवासियों ने ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू को श्रद्धासुमन अर्पित किया

वरीय संवाददाता, जमशेदपुर.

एमजीएम थानांतर्गत ग्राम गोड़गोड़ा (बालीगुमा) स्थित सामुदायिक विकास भवन में आसेका की ओर से ओलगुरु पंडित रघुनाथ मुर्मू का 119वां जयंती समारोह मनाया गया. इस अवसर पर अतिथियों व ग्रामवासियों ने ओलगुरु पंडित रघुनाथ मुर्मू के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किया. साथ ही आज ही के दिन से संताली भाषा की ओलचिकी लिपि के पठन-पाठन के लिए ओल इतून आसड़ा यानी पाठशाला का शुभारंभ किया गया. यह प्रत्येक रविवार को चलायी जायेगी. मौके पर बतौर मुख्य अतिथि लुगुबुरू घांटाबाड़ी के लुगु गोडेत सुरेंद्र टुडू व विशिष्ट अतिथि मदन मोहन सोरेन उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि ओल मेनाअ तामा, रोड़ मेनाअ तामा एनखान आम हों मेनाम. ओलेम आद लेरे, रोड़ेम आद लेरे आम होंम आदो. अर्थात आपकी अपनी लिपि व अपनी भाषा है, इसका अर्थ है इस धरती पर आपका वजूद है. जिस दिन आप अपनी लिपि व भाषा को भूल जायेंगे, उस दिन इस धरती से आपका वजूद भी खुद व खुद मिट जायेगा. उन्होंने कहा कि आपको अपनी मातृभाषा, लिपि, धर्म व संस्कृति से प्रेम करना चाहिए. उनका संरक्षण व संवर्धन कैसे हो, इस दिशा में काम भी करना चाहिए. इस अवसर पर सुरेंद्र टुडू, सोनाराम टुडू, गोपाल टुडू, सुखलाल टुडू, सनातन टुडू, भगीरथ सोरेन, घासीराम मुर्मू, हाड़ीराम सोरेन, पप्पू सोरेन, माझी बाबा सोमाय सोरेन, नायके बाबा सुरेश टुडू, मनीषा टुडू, प्रियंका टुडू, अनिता बास्के, पिंकी बास्के, सालगे मुर्मू, बेबी मुर्मू समेत अन्य मौजूद थे.

आदिवासियों को धार्मिक पहचान नहीं मिलना चिंता का विषय : मदन मोहन

मदन मोहन सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय तक आदिवासियों को उनकी धार्मिक पहचान नहीं मिलना चिंता का विषय है. भारत देश में आदिवासियों की आबादी करोड़ों में है. आदिवासियों से काफी कम आबादी वाले जैन धर्म को उनका धार्मिक पहचान मिल चुका है, बावजूद इसके आदिवासी को धार्मिक पहचान नहीं मिलना एक साजिश प्रतीत होता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version