गुड़ाबांदा : प्रचंड गर्मी से झरने व कुएं सूखे, पानी के लिए मचा हाहाकार
पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों में बसे लोग पानी की कमी से जूझ रहे
गुड़ाबांदा. गुड़ाबांदा प्रखंड में पड़ रही भीषण गर्मी से नदी, प्राकृतिक झरने, कुएं, तालाब आदि सूखने लगे हैं. लोगों की चिंता बढ़ गयी है. भीषण गर्मी के कारण से भू-गर्भ जलस्तर नीचे चल गया है. खास कर राजाबासा, कार्लाबेड़ा, मदनकोचा पहाड़ी क्षेत्रों के गांव में बसे लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं. गुड़ाबांदा जैसे पहाड़ी क्षेत्र में गुरुवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री, जबकि निचले भागों में तापमान लगभग 38-40 डिग्री तक पहुंच गया है. वैज्ञानिक स्वयं मान रहे हैं कि भूमिगत जलस्तर घट रहा है. जंगल सिकुड़ रहे हैं. तापमान की निरंतर वृद्धि हो रही है. पृथ्वी पर पर्याप्त मात्रा में वृक्ष काटे जा रहे हैं. इस हालात से बचने के लिए जन मानस में चेतना का संचार आवश्यक है. अधिक से अधिक पौधा लगाना मनुष्य का लक्ष्य होना चाहिए. ऐसी परिस्थिति में हमारा कर्तव्य बनता है कि पृथ्वी को बचाने का प्रयत्न करें.
सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर घटा, मछुआरों पर संकट
प्रचंड गर्मी से झारखंड की जीवन रेखा सुवर्णरेखा नदी का जल स्तर काफी घट गया है. नदी में खर-पतवार और कचरा भर गया है. नदी में दूर-दूर तक पत्थर दिख रहे हैं. पानी प्रदूषित हो गया है. इससे मछलियां मर रही हैं. इसी नदी पर सैकड़ों मछुआरा परिवार आश्रित है. कुलियाना, निश्चिंतपुर, देवली, चिटाघुटू, दिगड़ी, गाजूडीह, कुमीरमुढ़ी, धाधकीडीह, धोरासाई आदि जगहों के मछुआरा परिवार (नदी तटवर्ती इलाके में रहते हैं) की रोजी-रोटी इसी नदी से से चलती है. सुबह उठते ही मछली पकड़ने नदी जाते हैं और शाम को लौटते हैं. नदी का जल स्तर घटने से मछुआरा परिवार संकट में हैं. जल्द मॉनसून नहीं आने व जोरदार बारिश शुरू नहीं होने से संकट और ज्यादा गहरायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है