Ghatshila News : उलदा में चार साल में नहीं बन सका विद्युत शक्ति उपकेंद्र
ठेकेदार और विभाग की लापरवाही से ग्रामीण हो रहे परेशान, फिलहाल कीताडीह ग्रिड से बिजली मिलने के कारण होती है दिक्कत, संवेदक ने सिर्फ चहारदीवारी देकर छोड़ा, कंपनी ब्लैक लिस्टेड
गालूडीह. गालूडीह से सटे उलदा में विद्युत शक्ति उपकेंद्र का निर्माण कार्य फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया. इसके साथ अन्य जगहों में शुरू बिजली ग्रिड का काम पूरा होकर चालू तक हो गया है. उलदा में संवेदक ने चहारदीवारी देकर छोड़ दिया है. कुछ काम नहीं हुआ है. बताया जाता है कि पूर्व के संवेदक ने तय समय में काम नहीं किया. उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया. इसके बाद दोबारा निविदा नहीं निकाली गयी.
कार्यपालक अभियंता बोले- मुझे जानकारी नहीं
इस संबंध में बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता राज कुमार से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है. योजना के संबंध कोई कुछ नहीं बता रहा है. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2019-20 में योजना को स्वीकृति मिली थी. चार साल बाद भी योजना अधर में लटकी हुई है.…तो आठ पंचायतों में बिजली की समस्या दूर होगी
उलदा में विद्युत शक्ति उपकेंद्र बन जाने से गालूडीह क्षेत्र की आठ पंचायत में बिजली की समस्या दूर होगी. इसी उद्देश्य से यहां बिजली उपकेंद्र के निर्माण को स्वीकृति मिली थी. ठेकेदारों और विभाग की लापरवाही से योजना धरातल पर अबतक नहीं उतर सकी. वर्तमान में गालूडीह क्षेत्र में कीताडीह ग्रिड से बिजली आपूर्ति होती है. इससे अक्सर समस्या बनी रहती है. गालूडीह के उलदा में बिजली शक्ति उपकेंद्र बन जाता, तो इस क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को बिजली समस्या से मुक्ति मिलती.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है