20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूर्वी सिंहभूम में सिलिकोसिस बीमारी से एक आदिम जनजाति मजदूर की मौत, अब तक 31 की जा चुकी है जान

पूर्वी जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग की लापरवाही से अब तक सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित ग्रामीणों को कोई मुआवजा नहीं मिला है. जबकि अब 31 मजदूरों की इस बामारी से मौत हो चुकी है.

पूर्वी सिंहभूम : पूर्वी सिंहभूम में शनिवार दोपहर को आदिम जनजाति समुदाय से आने वाले एक मजदूर की मौत हो गयी. वह चकुलिया स्थित डोमरो गांव का रहने वाला था. मृतक का नाम भोंदा सबर है. वह बीते दो वर्षों से सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित था. मृतक के परिवार में उनके माता पिता समेत पत्नी और चार बच्चे हैं. वह धालभूमगढ़ स्थित कृष्णा एंड कृष्णा उ‌द्योग में 2011 से 2016 तक कार्यरत था. मौजूदा समय में इस कारखाना में 600 से अधिक प्रवासी और स्थानीय मजदूर कार्यरत रहे हैं. लेकिन अब तक 31 मज़दूरों का सिलिकोसिस से असमय निधन हो चुका है. इसका खुलासा ओसाज इंडिया संस्था की आंकड़ा से हुआ है.

स्वास्थ विभाग की लापरवाही से परिवारों को कोई भी मुआबजा नहीं

जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त कार्यालय पूर्वी सिंहभूम के लीगल सेल से प्राप्त सूचना को मानें तो साल 2018 में 1 से 6 दिसंबर के बीच 18 मजदूरों की सिलिकोसिस जांच की गयी थी. जिसमें जिसमे भोंदा सबर समेत लवकिशोर महतो, परिमल महतो, संतोष महतो, नियति महतो, बुनु गोप उर्फ बुलु एवं सुगी मुर्मू सिलिकोसिस संक्रमित पाये गये थे. भोंदा सबर के पहले भी कई मजदूरों की मौत सिलिकोसिस से हो गयी थी. लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग की लापरवाही से अब तक उन परिवारों को कोई भी मुआवजा नहीं मिला. अब तक संस्था के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा एक्सरे प्लेट की आईएलओ वर्गीकरण जांच से 128 सिलिकोसिस संक्रमित मज़दूरों को चिन्हित किया गया हैं. इन सभी मजदूरों का एक्सरे प्लेट की डिजिटल इमेज 15 सितंबर 2023 को एमजीएम होस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट को भेजा गया था. लेकिन सिलिकोसिस चिन्हित करने को जिस बोर्ड का गठन किया गया था उन्होंने सिर्फ मृतक कुणाल कुमार सिंह एवं जगन्नाथ पातर का प्लेट ही जांच किया. अन्य किसी का एक्सरे प्लेट का जांच नहीं किया गया.

एक ही मजदूर को मिला है मुआवजा

अब तक धालभूमगढ़ में सिर्फ मृतक कुणाल कुमार सिंह के आश्रितों को चार लाख और मजदूर जगन्नाथ पातर को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि मिली. हालांकि यह रकम प्राप्त होने के बाद ही जगन्नाथ पातर का देहांत हो गया. शेष रकम के लिए ओशाज इंडिया संस्था प्रयासरत हैं.

समित कर बोले- कारखाना सिलिकोसिस आर्थिक सहायता योजना महज एक कागज का टुकड़ा

ओसाज इंडिया के महासचिव समित कुमार कर ने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा बनाया गया ‘कारखाना सिलिकोसिस आर्थिक सहायता योजना ‘एक ऐसा कागज का टुकड़ा है, जिससे सिलिकोसिस से मृतक मज़दूरों के आश्रितों को एवं सिलिकोसिस से संक्रिमत मजदूरों को आर्थिक सहायता कम और आर्थिक सहायता न देने का पेंच ज्यादा है. जिसमें संशोधन की जरूरत है. ताकि सिलिकोसिस से संक्रिमित मजदूरों और आश्रितों को न्याय दिलाने के लिए किसी भी संस्था को पहल न करना पड़े.

Also Read: पूर्वी सिंहभूम के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के किसान नींबू और इमली की खेती कर बन रहे आत्मनिर्भर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें