गम्हरिया. रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर भोलेभाले युवाओं के ठगने वाले गिरोह को पकड़ने के लिए गार्डनरीच (कोलकाता) से पहुंची विजिलेंस की टीम ने चार ठगों को गिरफ्तार किया. इनमें तीन ठग फर्जी तरीके से चक्रधपुर रेलमंडल के गम्हरिया व सीनी रेलवे स्टेशन के मध्य बीरबांस हॉल्ट में बुकिंग क्लर्क बनकर काम कर रहे थे. वहीं एक अन्य डेविड सिंह नामक जालसाज को भी टीम ने गिरफ्तार किया. टीम चारों को अपने साथ ले गयी व पूरे खेल में शामिल सरगना अंशुमन की तलाश में टीम ने छापामारी शुरू की. युवाओं ने अंशुमन को दिये हैं लाखों रुपये : बेरोजगार युवाओं ने ठग गिरोह के किसी अंशुमन नामक सरगना को लाखों रुपये दिये हैं. ठगी के शिकार पीड़ित युवकों में से किसी ने भी अंशुमन को ना कभी देखा है और ना ही उसे पहचानता है. नौकरी के लालच में जालसाज को तमिलनाडु निवासी धीविन कुमार ने पांच लाख, पश्चिम बंगाल के नदिया निवासी रूपम शाह व शुभाशीष मंडल ने आठ-आठ लाख रुपये दिये हैं. तीनों ने अंशुमन के नाम से पैसा डेविड सिंह को दिये थे. बुकिंग क्लर्क के रूप में कर रहे थे स्टेशन में काम. जालसाज गिरोह के सदस्य फर्जी आईडी बनाकर तीनों को बीरबांस हॉल्ट में टिकट बुकिंग क्लर्क की ड्यूटी के लिए नियुक्त किया था. इस दौरान उन्हें दस हजार रुपए प्रतिमाह ट्रेनिंग भत्ता के रूप में दिये जाते थे. ट्रेनिंग के बाद 30 हजार रुपए वेतन देने की बात कही गई थी. मामले की सूचना मिलते ही चक्रधरपुर रेलमंडल के जीएम ने इसकी शिकायत गार्डेनरीच कोलकाता की विजिलेंस टीम से की. टीम मामले की पुष्टि के लिए बीरबांस पहुंची. तीन दिनों से इनकी भूमिका पर नजर रख रही थी. मंगलवार को टीम ने एक साथ तीनों फर्जी बुकिंग क्लर्क के साथ ठेकेदार के भाई को धर दबोचा.
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नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी मामले में चार गिरफ्तार
रेलवे : ठगने वाले गिरोह को पकड़ने गार्डनरीच से पहुंची विजिलेंस की टीम
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