East Singhbhum : जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा डुमरिया का रेंटा मुर्मू
न कोई सेवा करने वाला न कोई देखने वाला, सरकारी योजनाओं का भी नहीं मिलता लाभकहीं से मिला, तो खाया नहीं तो भूखे सोने को है मजबूर
डुमरिया. डुमरिया प्रखंड की धोलाबेड़ा पंचायत स्थित जोजोगोड़ा टोला निवासी 62 वर्षीय रेंटा मुर्मू लंबी बीमारी के कारण चलने फिरने में असमर्थ है. वह जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. लेकिन सरकारी हुक्मरान इससे अनजान हैं. परिवार में कोई नहीं होने के कारण लगभग 8 साल से रेंटा मुर्मू बड़ी मुश्किल से जिंदगी गुजार रहा है. अधिकतर दिन उसे भूखे सोना पड़ता है. रिश्तेदार व पास पड़ोस से कोई भोजन पहुंचा देता है तो ही वह खाना खा पाता है. कभी कभार वह खुद खाना बना लेता है, लेकिन अब तबीयत खराब होने के कारण वह खाना बनाने में भी असमर्थ है. बैंक पासबुक नहीं होने से सरकारी लाभ से भी वंचित है. राशन कार्ड होने के बावजूद वह राशन लेने से वंचित है. क्योंकि राशन दुकान तक जाने में वह असमर्थ है. रेंटा मुर्मू की बदहाल स्थिति की जानकारी गांव के भागमात मुर्मू ने छात्र युवा नेता उदय मुर्मू को दी. उदय मुर्मू गांव जाकर रेंटा मुर्मू से मिले. उसने तुरंत सरकारी लाभ दिलाने की मांग की. साथ ही बैंक ऑफ इंडिया भागाबंदी शाखा जाकर शाखा प्रबंधक किशोर कुमार मुर्मू से मिलकर रेंटा मुर्मू का बैंक अकाउंट तुरंत खोलने की बात कही. उदय मुर्मू ने बताया कि यह दुर्भाग्य है कि रेंटा मुर्मू को न तो आवास मिला है और न ही वृद्धा पेंशन मिलता है. उसने कहा कि उसे सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने व उचित इलाज के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं पूर्वी सिंहभूम के उपयुक्त को पत्र लिखकर अवगत करायेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है