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East Singhbhum : पेसा नियमावली बनाने को मुंडा पारंपरिक व्यवस्था कायम रखने का संकल्प

गालूडीह के मुंडा बहुल सुशनीगाड़िया में समाज का जिला स्तरीय शपथ ग्रहण समारोह

गालूडीह . गालूडीह के मुंडा बहुल सुशनीगाड़िया गांव में बुधवार को मुंडा समाज का जिला स्तरीय शपथ ग्रहण समारोह हुआ. यहां पेसा नियमावली बनाने को लेकर मुंडा पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था कायम रखने का सामूहिक संकल्प लिया गया. मुंडा समाज के हातू मुंडा, पाहन, महतो, लाल, पुजार समेत सभी तबकों ने पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था बचाने की शपथ ली. शपथ ग्रहण के पहले मुंडा समाज के नायके (पाहन) ने साल वृक्ष गाड़ कर पूजा की. सामूहिक प्रार्थना की. भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया. समारोह में बुडू और सोनाहातू से नायके लक्ष्मण मुंडा, रामनाथ पाहन और कुंवर सिंह मुंडा भी शामिल थे. सभी ने पूजा कर प्रार्थना करायी.

जिले के 11 प्रखंडों के मुंडा समाज के पदाधिकारी शामिल हुए

समारोह में पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी 11 प्रखंडों के मुंडा समाज के लोग शामिल हुए. समाज के राज्य सलाहकार नियरन हेरेंज और बलराम सिंह मुंडा ने कहा कि झारखंड सरकार ने 26 जनवरी, 2025 से ‘हमारी परंपरा, हमारी विरासत’ अभियान शुरू किया है. इसके तहत पेसा एक्ट के प्रावधानों से पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में ट्राइबल समुदाय के सशक्तीकरण व सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रमोशन करना है.

समाज के सशक्तीकरण व सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व प्रमोशन पर जोर

बुधवार को सुशनीगाड़िया गांव में मुंडा समाज ने परंपरा व विरासत को संरक्षित करने, जल, जंगल, जमीन के साथ संतुलन बनाते हुए प्रबंधन करने, अपनी रूढीजन विधि का पालन करते हुए नियमित ग्राम सभा करने और भागीदारी सुनिश्चित करने, सांस्कृतिक धरोहर जैसे लोकगीत, त्योहार, पूजा पद्धति व आस्था को संरक्षित करने और सशक्त करने, हमारी जनजातीय नायकों, योद्धाओं और समाज सुधारकों की विरासत को सम्मान करने व उनके आदर्श पर चलने के साथ पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को कायम रखने की शपथ ली.

मुंडा समाज में गांव से राज्य तक सामाजिक व्यवस्था और पदनाम

शपथ ग्रहण के बाद मुंडा समाज ने बैठक की. कहा गया कि मुंडा समाज में गांव से लेकर राज्य तक सामाजिक व्यवस्था और पदनाम है. गांव में हातू मुंडा, प्रखंड में मानकी, जिला में राजा पहड़ा और राज्य में महाराजा का पदनाम होता है. राज्य में अनुसूचित जनजाति के 32 समाज हैं. पेसा एक्ट नियमावली लागू करने के लिए पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था कायम होना जरूरी है.

बैठक में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक चर्चा भी हुई. मौके पर नियरन हेंरेंज, बलराम मुंडा, बाउरी पद मुंडा, बोध मुंडा, माधव सिंह मुंडा, गोपीनाथ मुंडा, उमेश चंद्र मुंडा, बंकिम चंद्र मुंडा, नकुल चंद्र मुंडा, जहवाहर लाल मुंडा, कल्याणी मुंडा, जितेन मुंडा, जयंती मुंडा, कुंवर सिंह मुंडा, राजेन मुंडा, कंचन मुंडा, दामोदर सिंह मुंडा, लक्ष्मी रानी मुंडा समेत मुंडा समाज के अनेक लोग उपस्थित थे.

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