East Singhbhum news : चार किमी दूर नदी का पानी खेत तक पहुंचा सोना उगा रहे युवा किसान

ईटामाड़ा के इंद्रजीत किस्कू ने पाइप व मोटर पंप लगाकर सिंचाई की व्यवस्था की, सरकारी योजना से सिंचाई की सुविधा नहीं मिली, तो खुद कमर तोड़ मेहनत शुरू की

By Prabhat Khabar News Desk | January 21, 2025 12:21 AM

गालूडीह. एमजीएम थाना क्षेत्र की दलदली पंचायत में बंगाल सीमा सटा बीहड़ गांव ईटामाड़ा है. गांव के युवा किसान इंद्रजीत किस्कू की मेहनत व लगन से खेत सोना उगल रहे हैं. दरअसल, गांव में सिंचाई की सुविधा नहीं है. सरकार से मदद की गुहार लगायी, लेकिन पहल नहीं हुई. ऐसे में युवा किसान ने हार नहीं मानी. करीब चार किमी दूर पहाड़ी नदी सातगुड़ूम का पानी पाइप और मोटर पंप के सहरे अपने खेत तक पहुंचाया. वह सात एकड़ जमीन पर रबी के मौसम में सब्जी की खेती कर रहे हैं. खेत में अभी खीरा, गोभी, बैंगन, टमाटर लगाया है. वह सात एकड़ जमीन पर खरीफ के मौसम में धान की खेती करते हैं.

पानी मिलता तो, सालभर 14 एकड़ में करता खेती

युवा किसान ने कहा कि सिंचाई के लिए पानी आसानी से मिल जाता, तो पूरी 14 एकड़ जमीन पर साल भर खेती कर पाते. उन्होंने बताया कि उनके साथ पत्नी श्रीमती किस्कू भी खेती में हाथ बंटाती है. उसके पास ट्रैक्टर या हल नहीं है. इससे खेती में परेशानी होती है. बड़े पैमाने पर खेती की सोच है, पर सरकारी मदद नहीं मिलने से पिछड़ जाते हैं. पानी की सबसे बड़ी समस्या है. खेत के पास से मुख्य बायीं नहर गुजरी है. उसमें खरीफ मौसम में पानी छोड़ा जाता है, पर रबी में नहीं. इस बार बताया गया कि किसानों की मांग पर बायीं नहर में पानी छोड़ा गया है. अब तक ईटामाड़ा तक पानी नहीं पहुंचा है. पानी पहुंचेगा, तो सुविधा मिलेगी.

सरकार ध्यान दे, तो खुशहाल होंगे किसान

उन्होंने कहा कि सरकार खेती-किसानी की बात करती है, पर जमीन पर असर नहीं दिखता है. किसान इंद्रजीत किस्कू ने कहा कि सरकार खेती को बढ़ावा देगी, तो किसान खुशहाल होंगे और पलायन भी रुकेगा. इंद्रजीत ने कहा कि उसने वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से सिंचाई सुविधा के लिए आवेदन किया. आज तक कुछ नहीं हुआ. उनकी मांग थी कि खेत में एक तालाब निर्माण कराया जाये, ताकि वह 14 एकड़ जमीन को सिंचित कर सकें.

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