बाहा बोंगा में गुलाब फूल के इस्तेमाल पर रोक, परगना, माझी बाबा और नायके की संताल समाज से अपील
कोल्हान के अधिकांश गांवों में गुरुवार को उम नड़का और जाहेर सड़ीम दालोब सामाजिक विधि के साथ बाहा पर्व की शुरुआत हो जायेगी. सरना पूजा स्थल जाहेरथान की साफ-सफाई कर देवी-देवताओं का आह्वान किया जायेगा.
सामाजिक स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख परगना, माझी बाबा व नायके ने सामूहिक रूप से संताल समाज के श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि बाहा बोंगा के दिन जाहेरथान में सारजोम बाहा (सखुआ) और मातकोम गेले (महुआ) फूल ही इस्तेमाल करें. गुलाब या अन्य फूलों का उपयोग नहीं करें.
- जाहेरथान में सारजोम बाहा व मातकोम गेले फूल का ही करें उपयोग
- पारंपरिक वेशभूषा में आने वालों को ही जाहेरथान में मिलेगा प्रवेश
प्रतिबंधित फूलों के साथ आने वालों को जाहेरथान में प्रवेश नहीं
अगर कोई इन फूलों के साथ आता है तो जाहेरथान में उसे प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा. जाहेरथान में पारंपरिक वेशभूषा में ही आना है. उनका कहना है कि हम सबों को अपने पूर्वजों के बनाये नियम और विधि का सम्मान करना चाहिए. पर्व को श्रद्धा व भक्ति भाव से मनाने की जरूरत है. पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठान में बनावटी और दिखावटी करना उचित नहीं है. निर्देश का पालन नहीं करने वालों को जाहेरथान में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा.
उम नड़का के साथ बाहा बोंगा का आगाज आज से
कोल्हान के अधिकांश गांवों में गुरुवार को उम नड़का और जाहेर सड़ीम दालोब सामाजिक विधि के साथ बाहा पर्व की शुरुआत हो जायेगी. सरना पूजा स्थल जाहेरथान की साफ-सफाई कर देवी-देवताओं का आह्वान किया जायेगा. शुक्रवार की सुबह गांव के माझी बाबा व जोग माझी बाबा की अगुवाई में नायके बाबा को जाहेरथान में प्रकृति की उपासना का महापर्व बाहा बोंगा के लिए पहुंचाया जायेगा.
मरांगबुरू, जाहेरआयो और लिटा-मोणेंको की पूजा करेंगे
नायके बाबा जाहेरथान में समस्त समाज के उत्थान और प्रगति के लिए मरांगबुरू, जाहेरआयो और लिटा-मोणेंको की पूजा करेंगे. उसके बाद देवी-देवताओं के आशीष स्वरूप समस्त ग्रामवासियों को सारजोम बाहा (सखुआ का फूल) व मातकोम गेले (महुआ फूल) वितरित करेंगे.