East Singhbhum news : 13 साल से जर्जर झोपड़ी में रह रहा सबर परिवार, नहीं मिला आवास
गालूडीह में सबर परिवार जान जोखिम में डालकर रह रहा, झोपड़ी में एक तरफ बैल बांधता है, दूसरी तरफ परिवार के साथ रहता है, कभी भी गिर सकती है दीवार, गुहार लगाने के बाद भी नहीं मिला आवास
गालूडीह. घाटशिला प्रखंड के उपरडांगा में रहने वाले एकलौता सबर परिवार 13 साल से जर्जर झोपड़ी में जान जोखिम में डालकर रह रहा है. कई बार फरियाद लगाने के बाद भी सबर परिवार को अबुआ या पीएम आवास का लाभ नहीं मिला. एक ही झोपड़ी में एक तरफ बैल बांधते हैं, तो दूसरी तरफ परिवार के साथ रहते हैं. दीवार कभी गिर सकती है. दीवार काफी जर्जर हो चुकी है. छप्पर जर्जर होने से प्लास्टिक टांग कर सबर परिवार किसी तरह जिंदगी काट रहा है. बरसात में घर में रहना मुश्किल हो जाता है. रात जागकर काटनी पड़ती है.
प्रखंड कार्यालय में आवेदन दिया, पर पहल नहीं
गालूडीह के उपरडांगा में चाकुलिया के जयपुर से एक सबर दंपती गोपाल सबर और उसकी पत्नी जोशना सबर आये थे. बताया कि 13 साल से यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. बेटी सोमा सबर 10 साल की हो गयी है. वह गालूडीह के वीणापाणि ज्ञानोदय मॉर्डन पब्लिक स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ रही है. गोपाल और जोशना सबर मजदूरी कर परिवार चलाते हैं. जोशना सबर ने बताया कि आधार और राशन कार्ड है. प्रति माह 35 किलो चावल मिलता है. पत्नी को पेंशन मिलती है पर पति को नहीं. आवास के लिए महुलिया पंचायत और प्रखंड कार्यालय में आवेदन दिया, पर आज तक कोई पहल नहीं की गयी.महिला समिति से ऋण लेकर बोरिंग करायी
जोशना सबर ने बताया कि बस्ती में जलमीनार और चापाकल सरकारी है. वहां से पानी लाने में परेशानी होती थी. तंग आकर मजदूरी कर जो पैसा जमा रखा था उससे और महिला समिति से 30 हजार ऋण लेकर अपने घर के पास बोरिंग करायी. उसी का पानी पीते हैं. जोशना सबर ने बताया कि महुलिया पंचायत के करीब दस राजस्व गांव हैं, इसमें सिर्फ महुलिया के उपरडांगा बस्ती में एकमात्र सबर परिवार हमलोग हैं. बावजूद सरकार, प्रशासन और जन प्रतिनिधि ध्यान नहीं देते.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है