East Singhbhum : कंबल व प्लास्टिक टांग कर सर्द रातें गुजार रहे 22 सबर परिवार

गालूडीह की घुटिया सबर बस्ती में 40 साल पुराने जर्जर इंदिरा आवास में जान जोखिम में डाल रह रहे सबर परिवार, घरों में दरवाजे-खिड़की तक नहीं, सातगुड़ूम नदी के कारण बस्ती तक पहुंचने का रास्ता नहीं

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2024 12:10 AM
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गालूडीह. बड़ाकुर्शी पंचायत स्थित घुटिया सबर बस्ती तक जाने का रास्ता एमजीएम थाना क्षेत्र के नारगा से है. लेकिन घाटशिला प्रखंड से वहां तक जाने का रास्ता तक नहीं. क्योंकि बीच में सातगुड़ूम नदी बहती है. घुटिया सबर बस्ती में करीब 22 सबर परिवार रहते हैं. सभी सबरों के आवास जर्जर हैं. यहां 40 साल पहले बने इंदिरा आवास में जान जोखिम में डाल कर सबर परिवार गुजारा कर रहे हैं. इन्हें आज तक पीएम या अबुआ आवास का लाभ नहीं मिला है. अधिकांश जर्जर आवासों के दरवाजे-खिड़की तक गायब हैं. गर्मी और बरसात में गुजारा हो जाता है. पर ठंड में मुश्किल होती. सर्द हवा घर के अंदर तक जाती है. जिससे सबर परिवारों को सर्द रातें काटनी मुश्किल हो जाती हैं. दरवाजे पर अधिकांश सबर कंबल, प्लास्टिक टांग कर गुजारा कर रहे हैं.

आवास के अंदर का दृश्य भी भयावह

यहां आवास के अंदर का दृश्य भी भयावह है. छत का प्लास्टर झड़ कर गिर रहा है और दीवारों में दरारें पड़ गयी हैं. उसी हालत में सबर रह रहे हैं. जमीन पर प्लास्टक, बोरा या कंबल बिछाकर ही सबर सोते हैं.सबरों के प्रधान रबी सबर नहीं थे. उनकी पत्नी दुर्गी सबर ने बताया कि कई बार आवास के लिए सूची पंचायत, ब्लॉक को भेजी गयी. पर किसी का आवास आज तक नहीं बना.

घुटिया में बांस के खंभे पर टिकी जलमीनार

वहीं, घुटिया सबर बस्ती में जर्जर जलमीनार बांस के खंभे पर किसी तरह टिकी है. जो कभी भी गिर सकती है. इससे बड़ा हादसा हो सकता है. कई गांवों में इसके पूर्व जलमीनार गिरने से दब कर लोगों की मौत हो चुकी है. एक हजार लीटर के जलमीनार के लोहे के खंभे जर्जर हो गये हैं. सबरों ने किसी तरह बांस के खंभे गाड़कर स्पोट दिया है. इसी जलमीनार से सबर पानी लेते हैं. एक दूसरी पक्की जलमीनार का मोटर खराब है. कई माह पूर्व मिस्त्री खोल कर ले गया, पर दोबारा नहीं लगाया गया. घुटिया सबर बस्ती के स्कूल के बच्चे भी जर्जर जल मीनार के पास से पानी लेते हैं. इसे दुरुस्त नहीं किया गया, बड़ा हादसा कभी हो सकता है.

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