संताल समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक मुद्दों पर हुआ मंथन
कदमा स्थित जाहेरथान में रविवार को सरना धर्म प्रवचन समारो का आयोजन किया गया. इसमें देश परगना बैजू मुर्मू समेत अन्य बुद्धिजीवियों ने शिरकत किया. सबों को मिलकर संताल समाज के उत्थान के लिए एकजुट होकर कार्य करने की बात कही.
डॉ आंबेडकर की जयंती पर कदमा जाहेरथान में सरना धर्म प्रवचन समारोह (फ्लैग)
जमशेदपुर.
रविवार को डाॅ आंबेडकर की जयंती पर सरना धर्म प्रवचन समारोह आयोजित हुआ. बतौर मुख्य अतिथि धाड़ दिशोम देश परगना बैजू मुर्मू एवं सम्मानित अतिथि हल्दीपोखर तोरोफ परगना सुशील हांसदा, भोंज दिशोम तिरिंग पीड़ परगना बाबा छोटराय हेंब्रम, ओलगुरू पंडित रघुनाथ मुर्मू के पौत्र भीमवार मुर्मू, आसेका झारखंड के अध्यक्ष-सुभाष चंद्र मार्डी, झामुमो के केंद्रीय महासचिव-बाबूलाल सोरेन व टाटा स्टील फाउंडेशन के शिव नारायण हेंब्रम मौजूद थे. समारोह का शुभारंभ धार्मिक झंडा को फहराकर किया गया. वक्ताओं ने कहा डॉ आंबेडकर की जीवनी से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए. मौके पर संविधान व लोकतंत्र को बचाने का संकल्प लिया गया.सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनैतिक मुद्दों को समझना जरूरी: बैजू मुर्मू
देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि समाज की उन्नति के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनैतिक मुद्दों को समझना होगा. समाज के प्रत्येक नागरिक को अपनी जवाबदेही समझनी होगी. आदिवासी समाज को प्रजातांत्रिक व्यवस्था को सम्मान करते हुए अपने स्वशासन की गरिमा को भी जीवित रखना है. साथ ही समाज के समस्त लोगों को स्वशासन व्यवस्था के तहत जोड़कर रखना है. यह चुनौती पूर्ण जरूर है लेकिन असंभव नहीं.उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में युवा पीढ़ी अपने समाज व संस्कृति से विमुख हो रहे हैं. युवा समाज की रीढ़ होते हैं. इसलिए स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख परगना बाबा, माझी बाबा, पारानिक बाबा, नायके बाबा, शिक्षाविद, समाजसेवी, शिक्षित युवा समेत तमाम लोगों को इसपर गंभीरता से मंथन करना चाहिए. इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व शैक्षणिक कई बिंदुओं पर अपनी बहुमूल्य बातों को समाज के लोगों के समक्ष रखा. सरना धर्म प्रवचन समारोह में काफी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए.