बहरागोड़ा में मशीन से धान कटनी कर रहे किसान

खेती-बारी: समय के साथ पैसों की भी हो रही बचत

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 11:22 PM

– खेती-बारी. समय के साथ पैसों की भी हो रही बचत

बरसोल.

बहरागोड़ा, बरसोल और सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के गांवों में इन दिनों गरमा धान की कटाई जोरों पर हैं. अधिकतर किसान समय की बचत के लिये मशीन से कटनी करा रहे हैं. एक बीघा में लगे धान काटने में 15 से 20 मिनट समय लगता है. इसके लिए 1200 रुपये खर्च होते हैं. वहीं मजदूर लगाकर कटनी कराने पर 10 मजदूर लगते हैं, जिसमें 1800 से 2000 रुपये तक खर्च होते हैं.

किसानों को नहीं मिल रहा वाजिब दाम

गरमा धान के मौसम में सरकार धान क्रय केंद्र नहीं खोलती है. इसके कारण किसान 15 से 16 रुपये प्रति किलो धान बेचने को विवश हैं. ये बिचौलिया धान ट्रकों पर लाद कर रांची और बंगाल के राइस मिल ले अधिक दाम में बेच रहे हैं. किसानों को वाजिब दाम नहीं मिल रहा है. किसान रिंकू प्रधान,अजय दास, संजय दास, पवन पाल, आशीष देहुरी, शिबू प्रधान, श्रीबस घोष, पतित पाल आदि ने बताया कि धान क्रय केंद्र खुल जाता, तो वाजिब दाम मिलता.

गांव में घूम कर बिचौलिये खरीद रहे धान

बिचौलिया इन दिनों गांवों में घूम-घूम कर धान खरीद रहे हैं. किसानों को नकद दाम दे रहे हैं. हालांकि सरकारी स्तर पर धान का प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य 2050 रुपये है. खुले बाजार में किसानों को 16 से 17 सौ प्रति क्विंटल मिल रहा है. किसान कहते हैं खुले बाजार में धान बचने से भले कम दाम मिलता है, पर नगद मिलता है.

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