East singhbhum news : घाटशिला : एक शिक्षक के भरोसे स्कूल, बच्चों की पढ़ाई चौपट, सिकराबासा उमवि के अभिभावकों व ग्रामीणों ने जताया विरोध
स्कूल में केजी से आठवीं कक्षा तक में 90 बच्चों पर एक पारा शिक्षक, अभिभावकों ने स्कूली शिक्षा मंत्री से मिलकर सौंपा ज्ञापन, शिक्षक देने की मांग, स्कूल में एक सरकारी शिक्षक थे, उनका स्थानांतरण कर दिया गया
गालूडीह. घाटशिला प्रखंड की हेंदलजुड़ी पंचायत स्थित सिकराबासा उमवि में केजी से आठवीं तक पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है. स्कूल में कुल 90 बच्चे नामांकित हैं. इनके पठन-पाठन एकमात्र पारा शिक्षक के भरोसे चल रहा है. यहां स्थायी शिक्षक नहीं है. एक सरकारी शिक्षक दुखिया हेंब्रम पदस्थापित थे. उनका हाल में अन्य स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया. एकमात्र पारा शिक्षक किसी तरह स्कूल चला रहे हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. यह क्षेत्र आदिवासी बहुल है. शिक्षकों की कमी से नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को स्कूल परिसर में विरोध जताया. शिक्षा विभाग से जल्द स्कूल में सरकारी शिक्षक बहाल करने की मांग की, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो. अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मिलकर मांगपत्र सौंपा. स्कूल में तीन शिक्षक देने की मांग की है. सिकराबासा निवासी दुलाल चंद्र हांसदा ने बताया कि सिकराबासा को प्रावि से उत्क्रमित कर 2006 में मवि का दर्जा दिया गया, पर मवि के एक भी शिक्षक नहीं दिये गये. एक सरकारी शिक्षक दुखिया हेंब्रम थे, उनका भी स्थानांतरण कर दिया गया. अब एक पारा शिक्षक संत विलास सिंह हैं, जिसके भरोसे स्कूल चल रहा है. यहां तीन शिक्षकों का पद सृजित है. एक सरकारी और दो पारा शिक्षक होना चाहिए. स्कूल में आदिवासी और आदिम जनजाति के बच्चे पढ़ते हैं. शिक्षक नहीं होंगे, तो बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा. मौके पर दुलाल चंद्र हांसदा, रामचरण सोरेन, विशाल मुर्मू, ठाकुर दास सोरेन, राहुल बास्के, लालू हेंब्रम, बाबलू मुर्मू, जंगल सोरेन, छिता सोरेन, उर्मिला मुर्मू, छिता बास्के, गोसाई सोरेन, पिंकी सोरेन, जीतराय हेंब्रम आदि उपस्थित थे.
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