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पेड़ों की कटाई व अत्यधिक जल दोहन से बहरागोड़ा में बरस रहे शोले

भारतीय मौसम विभाग के डॉयरेक्टर अभिषेक आनंद ने वर्षा जल संचय पर दिया जोर, - जंगल व पहाड़ों का खत्म होना, माइनिंग क्षेत्र बढ़ना, प्रदूषण और भूगर्भ का जल दोहन चिंताजनक

– भारतीय मौसम विभाग के डॉयरेक्टर अभिषेक आनंद ने वर्षा जल संचय पर दिया जोर- जंगल व पहाड़ों का खत्म होना, माइनिंग क्षेत्र बढ़ना, प्रदूषण और भूगर्भ का जल दोहन चिंताजनक- औद्योगिक, माइनिंग क्षेत्र में अक्सर गर्मी में तापमान ज्यादा रहता है

गालूडीह/बहरागोड़ा.

पूर्वी सिंहभूम जिले का बहरागोड़ा इन दिनों देशभर में चर्चा में है. इसका कारण तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि होना है. भारतीय मौसम विभाग विभाग (आइएमडी) के डॉयरेक्टर अभिषेक आनंद ने प्रभात खबर को बताया कि बहरागोड़ा में लगातार तापमान बढ़ने के कारण पेड़-पौधे व जंगल की कटाई और भू-गर्भ का जल दोहन ज्यादा होना है. जंगल व पहाड़ों का खत्म होना, माइनिंग का दायरा बढ़ना, प्रदूषण और भूगर्भ का जल दोहन चिंताजनक है. ज्ञात हो कि दारीसाई क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र में फिलहाल मौसम वैज्ञानिक नहीं हैं. मौसम वैज्ञानिक विनोद कुमार सेवानिवृत्त हो गये हैं. इसके कारण मौसम की जानकारी समय पर नहीं मिल रही है. प्रभात खबर ने कृषि वैज्ञानिक डॉ देवाशीष महतो से बात की. उन्होंने बिरसा कृषि विवि से संपर्क कर भारतीय मौसम विभाग विभाग (आइएमडी) के डॉयरेक्टर अभिषेक आनंद का संपर्क नंबर दिया.

झारखंड पहाड़ी क्षेत्र, यहां भूगर्भ में ज्यादा पाना जमा नहीं होता

श्री आनंद ने कहा झारखंड पहाड़ी क्षेत्र है. भूगर्भ में ज्यादा पानी स्टोर नहीं रहता है. ऐसे में ज्यादा दोहन से संकट पैदा होगा ही. बिहार का इलाका पठारी है. वहां भूगर्भ में जल ज्यादा है. उन्होंने कहा कि औद्योगिक व माइनिंग क्षेत्र में अक्सर गर्मी में तापमान ज्यादा रहता है. बहरागोड़ा में भूगर्भ जल दोहन एक बड़ा कारण है. झारखंड में पिछले तीन-चार दिनों में तापमान ज्यादा बढ़ा है. बहरागोड़ा का तापमान 46 डिग्री पार हो गया है. हालांकि, जमशेदपुर औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद तापमान 44-45 डिग्री तक रहा. यह चिंता का विषय है.

आज हो सकती है राहत की बारिश, कल से फिर सतायेगी गर्मी

आइएमडी के डॉयरेक्टर ने कहा कि 22 व 23 अप्रैल को भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है. क्षेत्र में बारिश संभव है. हालांकि, 24 अप्रैल से फिर मौसम खुल जायेगा और गर्मी बढ़ेगी. 22 अप्रैल की दोपहर के बाद बादल छाने से तापमान में गिरावट आया. 23 अप्रैल को बादल छाये रहेंगे और कहीं-कहीं बारिश होगी. इससे तापमान गिरेगा.

बहरागोड़ा में चार हजार से ज्यादा सिंचाई नलकूप, वर्षा जल संचय जरूरी

बहरागोड़ा कृषि प्रधान प्रखंड है. पूर्वांचल में 12 महीने खेती होती है. अभी गरमा धान की खेती हो रही है. यहां के किसानों ने सिंचाई नल-कूप खेतों में लगा रखा है, जिससे पटवन कर खेती करते हैं. इससे भूगर्भ जल का दोहन बड़े पैमाने पर हो रहा है. आइएमडी के डॉयरेक्टर अभिषेक आनंद मानते हैं कि क्षेत्र में वर्षा जल संचय पर जोर देना होगा. भूगर्भ जल स्तर को बचाना होगा. आने वाले दिनों में गर्मी में जल संकट और ज्यादा गहरायेगा.

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