बहरागोड़ा. बहरागोड़ा में सुवर्णरेखा नदी किनारे बसे गांवों के खेत सूखे हैं. बहरागोड़ा की गुहियापाल पंचायत के 100 परिवार खेती पर निर्भर हैं. यहां के लोगों की आय का मुख्य स्रोत खेती है. यहां लगभग 1000 बीघा से अधिक में सब्जी की खेती होती है. सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने से किसान अबतक खेती कार्य में जुट नहीं पाये हैं. किसान बारिश की इंतजार में खेतों को हल जोत कर तैयार कर लिया है. इस मौसम में यहां से लगभग प्रतिदिन 3 से 4 पिकअप वैन सब्जियां विभिन्न राज्यों में भेजी जाती थीं. इस बार अबतक खेती कार्य की शुरुआत नहीं हो सकी है. सुवर्णरेखा नदी किनारे उद्वह सिंचाई योजना के तहत वर्षों पहले खेतों तक पानी पहुंचाया जाता था. धीरे-धीरे योजना खंडहर में तब्दील हो गयी.
किसानों ने सिंचाई व्यवस्था की मांग की
शंकर साव, कुना प्रधान, धीरेन नायक, एकादशी साव, रास बिहारी साव, गड़ो साव आदि किसानों का कहना है कि इस बार बारिश नहीं होने से खेत बंजर पड़े हैं. किसान बारिश के इंतजार में बैठे हैं. इस बार खीरा की खेती नहीं हो सकी. यहां के किसान भुखमरी के कगार पर आ गये हैं. किसानों ने सरकार से मांग की है कि सिंचाई व्यवस्था की जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है