East Singhbhum : बीमार विवाहिता को ससुरालवालों ने छोड़ा, इलाज नहीं करा पा रही गरीब मां, पिता को परिवार से मतलब नहीं
मुसाबनी के सुरदा न्यू टाउनशिप निवासी वीणा मिश्रा का परिवार परेशान, बिगड़ती जा रही विवाहिता की स्थिति
मुसाबनी. बीमार विवाहिता को ससुराल वालों ने मायके में छोड़ दिया. पिता को परिवार से कोई मतलब नहीं. वहीं, गरीब मां अपनी बेटी का इलाज नहीं करा पा रही है. मामला मुसाबनी के सुरदा न्यू टाउनशिप के बीणा मिश्रा के परिवार का है. उनकी विवाहित बेटी राखी मिश्रा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उसके पेट में ट्यूमर है. राखी मिश्रा की शादी वर्ष 2013 में हुई थी. ससुराल वालों ने बीमारी का इलाज के बजाय मायके में छोड़ दिया. राखी के पिता परिवार की देखभाल नहीं करते हैं. मां बीणा मिश्रा बेटी का इलाज केंद्रीय मानसिक आरोग्यशाला (सीआइपी) रांची में करा रही थी. आर्थिक तंगी के कारण वर्ष 2022 से रांची में इलाज नहीं हो पा रहा है. राखी की स्थिति बिगड़ती जा रही है. समाजसेवी पोमा किस्कू और आदिम जनजाति कल्याण समिति की जिलाध्यक्ष रानी सबरीन ने बीमार राखी और मां को सहयोग करने के लिए आगे आये हैं. राखी मिश्रा का नाम राशन कार्ड में नाम नहीं है. आधार कार्ड नहीं बना है. आयुष्मान कार्ड नहीं है. पोमा किस्कू और रानी सबरीन ने आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने का भरोसा दिया है. रानी सबरीन की पहल पर आपूर्ति विभाग ने तत्काल सहायता के रूप में जन वितरण प्रणाली दुकानदार विष्णु रजक से 10 किलो चावल मुहैया कराया. झामुमो नेता गौरांग महली ने परिवार वालों को चावल दिया. श्री माहली ने परिवार वालों को पेंशन दिलाने और बीमार राखी मिश्रा को इलाज में मदद का भरोसा दिया है.
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