घाटशिला : पानी घटने से सुवर्णरेखा नदी बना ‘नर्क’, प्रचंड गर्मी से स्थिति गंभीर, दूर-दूर तक जलकुंभी और शैवाल दिख रहा
घाटशिला-मुसाबनी पुलिया के पास नदी में 600 मीटर तक पानी ही नहीं, पिछले वर्ष भी मॉनसून की बेरुखी से नदी का जलस्तर घट गया था
अजय पाण्डेय, घाटशिला
झारखंड की जीवनरेखा सुवर्णरेखा नदी भीषण गर्मी के कारण सूखने के कगार पर है. पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में नदी की स्थिति नाले से भी खराब हो गयी है. पानी सूखने के कारण सिर्फ कचरा व बड़े-बड़े पत्थर दिख रहे हैं. नदी की स्थित नारकीय हो गयी है. नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है. जलकुंभी और शैवाल से नदी भर गयी है. घाटशिला को मुसाबनी प्रखंड से जोड़ने वाली पुलिया के पास लगभग 500 से 600 मीटर तक पानी नहीं है.गोपालपुर में कनीय अभियंता के कार्यालय साइट-49 से मिली जानकारी के मुताबिक, नदी का जलस्तर मॉनसून पर निर्भर है. पिछले वर्ष मॉनसून की बेरुखी से नदी का जलस्तर घट गया था. इस वर्ष बेहतर मॉनसून की संभावना है. फिलहाल सुवर्णरेखा नदी 39 मीटर चौड़ी है. नदी का जलस्तर घटने से दाहीगोड़ा में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के इंटेक वेल तक कसी तरह पानी पहुंच रहा है. नदी का जलस्तर और घटा, तो पेयजल आपूर्ति बाधित होने की आशंका है. नदी में नहाने वाले लोगों का कहना है कि दो-तीन दिनों से नदी का पानी गर्म रह रहा है.
बीते एक सप्ताह में जल स्तर की स्थिति
तिथि – जल स्तर26 मई : 74.57 मीटर27 मई : 74.57 मीटर
28 मई : 74.57 मीटर29 मई : 79.49 मीटर30 मई : 74.50 मीटर31 मई : 74.50 मीटर
(नोट : गोपालपुर कार्यालय के पास जलस्तर की मापी होती है).पथरीली जगह होने से कटाव नहीं होता
कनीय अभियंता कार्यालय के मुताबिक घाटशिला में सुवर्णरेखा जहां से बहती है, वह पथरीली जगह है. इसके कारण पानी में उतना तरंग नहीं है. इसके कारण पत्थर का कटाव होना मुश्किल है.मॉनसून पर निर्भर रहता है नदी का जलस्तर
घाटशिला में सुवर्णरेखा का जलस्तर मॉनसून पर निर्भर है. वर्षा बेहतर होने पर नदी का जलस्तर बढ़ता है. मॉनसून के सुस्त पड़ने पर नदी की धार मंद पड़ जाती है. इसका दूसरा कारण चांडिल और गालूडीह बराज में पानी स्टोर करना भी है. यहां नदी में मिट्टी की जगह बड़े-बड़े पत्थर हैं. इसके कारण पानी का कटाव उतना नहीं होता. सुवर्णरेखा नदी 39 मीटर में फैली है. जहां (गोपालपुर) कार्यालय स्थित है. नदी से उसकी ऊंचाई लगभग 13 मीटर है. दूसरी जगह पर नदी में कितना पानी है. इसकी मापी नहीं की जाती है.– हर्षित सोनी, कनीय अभियंता, साइड 49, गोपालपुर, घाटशिला.
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