प्रभात इम्पैक्ट : दाने-दाने के मोहताज सबर दंपती को मिला सरकारी योजनाओं का लाभ, बीडीओ ने घर पहुंचकर आश्वासन दिया, नियमित मिलेगा राशन

50 किलो चावल, धोती-साड़ी, राशन कार्ड, मनरेगा का जॉब कार्ड, गोल्डन कार्ड, पशु शेड, मनरेगा के तहत बिरसा सिंचाई कूप, कल्याण विभाग से उसकी पत्नी को मुख्यमंत्री पशुधन योजना, पीएमजन-मन योजना के तहत आवास, आपूत्ति॔ विभाग से डाकिया योजना से जोड़ने की अनुशंसा, बिजली आपूत्ति॔ विभाग से बिजली संयोजन का निदे॔श दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 26, 2024 12:39 AM
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डुमरिया. ‘प्रभात खबर’ में बीते 24 जून को छपी खबर ‘सबर दंपती दाने-दाने को मोहताज, न पेंशन न राशन”””””””” पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने डुमरिया बीडीओ को त्वरित सहायता पहुंचाने का निदे॔श दिया था. मंगलवार को डुमरिया के बीडीओ निलेश कुमार अपनी टीम के साथ टुना सबर से मिलने पहुंचे. उसे 50 किलो चावल, धोती-साड़ी, राशन कार्ड, मनरेगा का जॉब कार्ड, गोल्डन कार्ड, पशु शेड, मनरेगा के तहत बिरसा सिंचाई कूप, कल्याण विभाग से उसकी पत्नी को मुख्यमंत्री पशुधन योजना, पीएमजन-मन योजना के तहत आवास, आपूत्ति॔ विभाग से डाकिया योजना से जोड़ने की अनुशंसा, बिजली आपूत्ति॔ विभाग से बिजली संयोजन का निदे॔श दिया. सरकारी लाभ से सबर दंपती को जोड़ा गया.

पूर्व डीसी व बीडीओ ने किया था सहयोग

ज्ञात हो कि टुना सबर चर्म रोग के कारण जिंदगी और मौत से जूझ रहा था. पूर्व बीडीओ साधुचरण देवगम व तत्कालीन उपायुक्त विजया जाधव के प्रयास से उसे एमजीएम में इलाज किया गया. वह ठीक हो गया तो उसे पुराने पंचायत भवन में प्रशासन ने रखा. जांच में पता चला कि टुना सबर का न राशन कार्ड है, न उसे पेंशन मिलती है. कुछ समय तक प्रशासन ने राशन की व्यवस्था की. बीडीओ ने उन्हें आथि॔क सहयोग किया.

डीसी व बीडीओ के स्थानांतरण के बाद बेसहारा हो गये थे दंपती

दोनों (डीसी व बीडीओ) के स्थानांतरण के बाद स्थिति बदल गयी. टुना का राशन व आथि॔क सहयोग बंद हो गया. जंगल से लकड़ी लाकर बेचना व दूसरों के घर मजदूरी करना मजबूरी बन गयी थी. मंगलवार को प्रशासन की पहल पर अब टुना सबर व उसकी पत्नी सुमी सबर की जीने की राह आसान हो जायेगी. बीडीओ निलेश कुमार ने आश्वस्त किया कि अब राशन नियमित मिलेगा, साथ अन्य सुविधाएं नियमानुसार मिलती रहेगी.

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